Since: 23-09-2009
असम में बाल विवाह के खिलाफ सख्त कानून बनाएं जा रहे है,पुलिस के 3 फरवरी से बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद से अब तक 3,015 लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई अब तक 3,015 गिरफ्तारी के साथ अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है। सामाजिक बुराई के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा। इसका फायदा यह है कि लोग पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं।दरअसल, असम पुलिस ने 3 फरवरी से बाल विवाह पर कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें इन शादियों को करवाने वाले हिंदू और मुस्लिम पुजारियों समेत 2 हजार से ज्यादा लोगों को पहले दो दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया था।असम कैबिनेट ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करने का फैसला किया है। साथ ही 14 से 18 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। सरमा का कहना है कि राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर की उच्च दर को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है, क्योंकि बाल विवाह भी इसका एक मुख्य कारण है।असम में बाल विवाह के खिलाफ पिछले दिनों में 10 जिलों से 2 हजार 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ऐसी शादियां कराने वाले हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के पुजारी-मौलवी भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि उनके पास कुल 8 हजार लोगों की लिस्ट है। इतनी बड़ी संख्या में पुरुषों गिरफ्तारी के बाद पीछे छूटी महिलाएं मुश्किलों का सामना करने को मजबूर हैं। असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। राज्य में बाल विवाह में शामिल हुए 52 पुजारियों और काजी को गिरफ्तार किया गया है। DGP जीपी सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां धुबरी, बारपेटा, कोकराझार, विश्वनाथ जिलों में हुई हैं। इससे पहले गुरुवार शाम को बाल विवाह मामले में 7 लोगों को अरेस्ट किया गया था। पूरे राज्य में अब तक करीब 1800 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं।
MadhyaBharat
13 February 2023
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|