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जबलपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में बुधवार को सीबीआई ने उच्च न्यायालय में जांच रिपोर्ट पेश की। बंद लिफाफे में 304 नर्सिंग कॉलेज की रिपोर्ट दी गई है। सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध 50 कॉलेजों की जांच पर सुप्रीम कोर्ट की रोक होने के कारण उनकी जांच नहीं की जा सकी है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि विजय कुमार मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए अगली सुनवाई 23 जनवरी को निर्धारित की है।
दरअसल, याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से कोरोना काल के दौरान उच्च न्यायालय में दायर याचिका में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालित होने को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई है, जबकि वास्तविकता में ये कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं। अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं है। कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं। ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है। बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है।
याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया था कि एक ही व्यक्ति कई नर्सिंग कॉलेजों का प्राचार्य है और तथ्यात्मक रूप से भी अलग-अलग कॉलेज में कार्यरत है। जिन कॉलेज में वह कार्यरत है, उनकी दूरी सैकड़ों किलोमीटर दूर है। इसके अलावा माईग्रेट तथा फर्जी तथ्यों का मामला भी याचिकाकर्ता की तरफ से उठाया गया था।
हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए डीएमई को तलब किया था। डीएमई अरुण श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर माफी मांगते हुए पूर्व रजिस्ट्रार के खिलाफ उचित कार्रवाई के संबंध में शपथ-पत्र प्रस्तुत किया था। युगलपीठ ने ग्वालियर तथा इंदौर खंडपीठ में लंबित नर्सिंग कॉलेज संबंधित याचिकाओं को मुख्यपीठ स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए थे।
याचिकाओं की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। युगलपीठ ने सीबीआई को जांच के लिए तीन माह का समय दिया था। याचिका की सुनवाई के दौरान चार जनवरी को सीबीआई ने 254 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट युगलपीठ के समक्ष पेश की थी। बचे हुए कॉलेजों की जांच के लिए युगलपीठ ने 15 दिनों का समय दिया था।
हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ में बुधवार को याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से 50 कॉलेजों की रिपोर्ट पेश की गई। सीबीआई द्वारा एमपीएमएसयू से मान्यता प्राप्त 304 कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट अभी तक पेश की गई है। सरकार की तरफ से जीएनएम के रिजल्ट घोषित करने की अनुमति युगलपीठ से मांगी गई, लेकिन युगलपीठ ने इस पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान खुद याचिकाकर्ता भी मौजूद रहे।
मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी। संभावना है कि इस दिन नर्सिंग कोर्स करने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर कोई फैसला हो सकता है। दरअसल, नर्सिंग कोर्स में प्रवेश लेने वाले लगभग करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों की 2020 के बाद से अब तक प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई है।
MadhyaBharat
17 January 2024
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