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मंत्रि-परिषद ने दी मध्य प्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू करने की स्वीकृति
bhopal,  Council of Ministers , Madhya Pradesh
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। बैठक में मंत्रि-परिषद ने मध्य प्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू किये जाने की स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सिंहस्थ 2028 को देखते हुए क्षिप्रा नदी के तट पर घाट निर्माण और प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किये जाने की स्वीकृति भी दी है।


नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि महा-रजिस्ट्रार कार्यालय, भारत सरकार से प्राप्त प्रारूप नियम के अनुरूप मध्य प्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 1999 की विभिन्न धाराओं में संशोधन किया गया है। मध्य प्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 के मुख्य बिंदुओं में जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और इलेक्ट्रॉनिक परिदान का उपबंध, रजिस्ट्रीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार करना, दत्तक ग्रहण किये गये, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेट बच्चे और एकल माता-पिता या अविवाहित माता से बच्चे के रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जाना आदि शामिल है।


उन्होंने बताया कि जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रारंभ की तारीख को या उसके पश्चात् जन्म लेने वाले किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को प्रमाणित करने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र उपयोगी है। किसी आपदा या महामारी में मृत्यु के त्वरित रजिस्ट्रीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने के लिये विशेष "उप-रजिस्ट्रार" की नियुक्ति का उपबंध किया गया है। किसी जन्म या मृत्यु के 30 दिन के पश्चात् किंतु एक वर्ष के भीतर विलंबित सूचना की दशा में नोटरी या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी के समक्ष किसी शपथ-पत्र के स्थान पर स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेज को प्रस्तुत करने का उपबंध किया गया है। किसी जन्म या मृत्यु के एक वर्ष के पश्चात् रजिस्ट्रार को विलंबित सूचना की दशा में आदेश करने वाले प्राधिकारी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के स्थान पर जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत कार्यपालक मजिस्ट्रेट का उपबंध किया गया है। लोकहित में जन शिकायत निवारण के लिए रजिस्ट्रार/जिला रजिस्ट्रार द्वारा की गई कार्यवाही से व्यथित होने पर अपील का प्रावधान है और उपबंधित शास्तियों में वृद्धि की गई हैं।


प्रदेश में स्थापित 11 केवी फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किये जाने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किये जाने की स्वीकृति दी गई। इसके क्रियान्वयन से किसान को सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उनकी जीवन शैली व्यवस्थित हो सकेगी। सौर संयंत्र से 33/11 किलोवॉट विद्युत वितरण उप केन्द्रों पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर पर ओवर-लोडिंग और परिणामतः लो-वोल्टेज एवं पावर कट की समस्या कम होगी। साथ ही विद्युत उप केन्द्रों के उन्नयन पर आने वाले वित्तीय भार को बचाया जा सकेगा।


उल्लेखनीय है कि कृषकों की सिंचाई आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति, उनके करीब सौर ऊर्जा का उत्पादन एवं आय के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम- कुसुम) योजना लागू की गयी है। योजना के अंतर्गत सोलर संयंत्र स्थापना के लिए 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट केन्द्रीय सहायता राशि दी जानी प्रावधानित है। प्रदेश में कुसुम-सी के अंतर्गत पृथक कृषि फीडर्स पर स्थापित कृषि पंप को विद्युत प्रदाय करने के लिए सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किया जायेगा।


मंत्रि-परिषद द्वारा आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्षिप्रा नदी के तट पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक 29.215 कि.मी. लंबाई के घाट-निर्माण कार्य के लिये 778 करोड़ 91 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।


मंत्रि-परिषद द्वारा संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत परियोजना समूह की लागत 28,798 करोड़ 02 लाख रुपये, सैंच्य क्षेत्र 4 लाख 72 हजार 970 हेक्टेयर का प्रशासकीय अनुमोदन प्रदान किया गया। स्वीकृति परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में मालवा एवं चम्बल क्षेत्र के 10 जिले गुना, शिवपुरी, मुरैना, उज्जैन, सीहोर, इन्दौर, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर एवं राजगढ़ में कुल 4.73 लाख हेक्टेयर नवीन सिंचित क्षेत्र और चम्बल की दाईं मुख्य नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से भिण्ड, मुरैना एवं श्योपुर के 1205 ग्रामों में 3.62 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।


जनजातीय क्षेत्रों में धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ करने की सैधान्तिक स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, आयुष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास, पशु पालन एवं डेयरी, पर्यटन एवं जनजातीय कार्य विभाग की चिन्हित योजना अंर्तगत शत-प्रतिशत सेचुरेशन के लिए नवीन योजना धरती आबा- जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) प्रारंभ करने की सैधान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है।


अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा आयुष विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय और स्वशासी आयुर्वेद/यूनानी/होम्योपैथी के 9 महाविद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षु (इंटर्नशिप) एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं की शिष्यवृत्ति एवं गृह चिकित्सकों के समेकित वेतन की वृद्धि को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़े जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है।
MadhyaBharat 26 December 2024

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