Since: 23-09-2009
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को कहा कि सदियों से हमारे समाज को विभाजित और कमजोर करने के प्रयास किए गए। हमारी स्वाभाविक एकता को तोड़ने के लिए कृत्रिम भेद पैदा किए गए हैं। लेकिन, भारतीयता की भावना से ओतप्रोत हमारे नागरिकों ने राष्ट्रीय एकता की मशाल जलाए रखी है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने आज हैदराबाद, तेलंगाना में ‘लोकमंथन’ -2024 के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सदियों से साम्राज्यवाद और औपनिवेशिक शक्तियों ने न केवल भारत का आर्थिक शोषण किया, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी नष्ट करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध बौद्धिक परंपरा को नीची निगाह से देखने वाले शासकों ने नागरिकों में सांस्कृतिक हीनता की भावना पैदा की। हम पर ऐसी परंपराएं थोपी गईं, जो हमारी एकता के लिए हानिकारक थीं। सदियों की पराधीनता के कारण हमारे नागरिक गुलामी की मानसिकता के शिकार हो गए। इससे निकलने और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उपाय के तौर पर राष्ट्रपति ने नागरिकों में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि लोकमंथन इस भावना को फैला रहा है।
राष्ट्रपति ने लोकमंथन के आयोजन के लिए सभी हितधारकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और विरासत में एकता के सूत्र को मजबूत करने का यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी नागरिकों को भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को समझना चाहिए और हमारी अमूल्य परंपराओं को मजबूत करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि विविधता हमारी मौलिक एकता को सुंदरता का इंद्रधनुष प्रदान करती है। चाहे हम वनवासी हों, ग्रामीण हों या शहरवासी, हम सभी भारतीय हैं। राष्ट्रीय एकता की इस भावना ने हमें तमाम चुनौतियों के बावजूद एकजुट रखा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय विचारधारा का प्रभाव दुनिया में दूर-दूर तक फैला हुआ है। भारत की धार्मिक मान्यताएं, कला, संगीत, तकनीक, चिकित्सा पद्धतियां, भाषा और साहित्य को पूरे विश्व में सराहा गया है। भारतीय दार्शनिक प्रणालियां ही पहली थीं जिन्होंने विश्व समुदाय को आदर्श जीवन मूल्यों का उपहार दिया। अपने पूर्वजों की उस गौरवशाली परंपरा को मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी है।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और सांस्कृतिक महोत्सव ‘लोकमंथन’ 21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर (हैदराबाद) में आयोजित किया जा रहा है। लोकमंथन-2024 का थीम ‘लोक अवलोकन, लोक विचार, लोक व्यवहार और लोक व्यवस्था’ है। लोकमंथन राष्ट्रवादी विचारकों और कार्यकर्ताओं की द्विवार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी लोकमंथन-2024 की स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं और इसे प्रज्ञा प्रवाह आयोजित कर रहा है जिसके संयोजक जे. नंदकुमार हैं।
MadhyaBharat
22 November 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|