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आयुर्वेद में गुणवत्ता, शोध ,अनुसंधान का समय
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुंचे। जहां उन्होंने कालिदास अकादमी के पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति महाकालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। जहां उन्हाेंने पत्नी के साथ विधिविधान से भाेलेनाथ की पूजा अर्चना की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर इस संस्था को लोकप्रिय बनाने में अनेक विभूतियों ने अपना योगदान दिया है। सभी लोगों को मध्य प्रदेश को आयुर्वेद का स्थापित केन्द्र बनाने के लिए प्रयास करना चाहिये। आयुर्वेद का अर्थ है आयु का विज्ञान। इसमें स्वास्थ्य रक्षा के साथ ही रोग निवारण पर भी बल दिया जाता है। कोविंद ने कहा आज गुणवत्ता, शोध और अनुसंधान का समय है। हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं उम्मीद है सब मिलकर इसे स्वीकारेंगे और प्रगति करेंगे। आहार, दिनचर्या ओर रितुचर्या के बारे में आयुर्वेद में ही बताया जाता है।इस क्षेत्र के लोगों से अपेक्षा है कि जन सामान्य में आयुर्वेद के प्रति जागरुकता बढ़ाई जाए। ऐसे लोग तैयार करें तो उपचार में योगदान दे सकें। लोगों को उपचार के लिए अनुसंधान निरंतर जारी रहे। सुखी जीवन का परम ध्येय बेतहर स्वास्थ्य है इसे सर्वोपरि रखना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान आयुष मंत्री का संदेश भी प्रसारित किया गया। समारोह में आयुर्वेद विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति कोविंद ने शासकीय आयुर्वेदिक कालेज के नए भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं महाकाल की पवित्र धरती पर राज्य की जनता की ओर से राष्ट्रपति जी का स्वागत करता हूं। शिवराज ने राज्यपाल का भी स्वागत किया। यहां त्रिवेणी संगम है और महामहिम पवित्र कार्य के लिए पधारे हैं। यह अनादि काल से ज्ञान, वैराग्य की धरती है और यहां से लोक सेवा की प्रेरणा मिलती है। राष्ट्रपति के आगमन पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने भी उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महाकाल के दर्शन करने जायेंगे।
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