Since: 23-09-2009
ऋण प्रकरणों को बिना उचित कारण अमान्य करने वाले बैंकर्स को होगी कठिनाई
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने स्वरोजगार प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि नौकरी करने के साथ-साथ हम सबका सामाजिक दायित्व भी है। अपने अधिकारों का सही उपयोग करके हम अगर दो व्यक्तियों का जीवन बदलने में सफल होते हैं यही हमारी बड़ी सफलता है। बैंकर्स संवेदनशीलता के साथ स्वरोजगार के प्रकरण मंजूर करें। आपकी सफलता गरीब का जीवन बदलने में है। अनावश्यक रूप से प्रकरणों की स्वीकृति में बाधा डालकर बैंकर्स अपनी शक्ति और कैरियर बर्बाद न करें। ऋण प्रकरणों को बिना उचित कारण अमान्य करने वाले बैंकर्स पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस संबंध में अवगत कराया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि कई बैंकर्स ने प्रकरण स्वीकृत तो कर दिए हैं लेकिन उनमें ऋण वितरण नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति की प्रगति प्रभावित हुई है। अब तक बैंकों द्वारा स्वीकृत 649 प्रकरणों में से 418 में ही ऋण वितरण किया गया है। शेष स्वीकृत प्रकरण 4 दिनों में वितरित करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। जिन बैंक शाखाओं द्वारा विभिन्न योजनाओं के ऋण प्रकरणों के निराकरण में रूचि नहीं दिखाई जा रही है उनकी प्रत्येक सोमवार को टीएल बैठक के बाद समीक्षा की जाएगी। अग्रणी बैंक प्रबंधक कम प्रगति वाले बैंक शाखाओं के प्रबंधकों को इस संबंध में सूचना देंगे। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, स्वरोजगार योजना तथा आदिमजाति कल्याण विभाग, पशुपालन विभाग, अन्त्यावसायी सहकारी समिति तथा अन्य विभागों की स्वरोजगार योजनाओं की बैंकवार प्रगति अगली बैठक में प्रस्तुत करें। सभी बैंकर्स केसीसी के स्वीकृत प्रकरण पोर्टल में अपलोड करने के साथ हर माह इसकी प्रगति की जानकारी प्रस्तुत करें। बैंकों द्वारा स्वरोजगार योजनाओं के अमान्य प्रकरणों की भी समीक्षा करें। स्टेट बैंक अगर स्वरोजगार प्रकरणों की मंजूरी में रूचि नहीं लेता है तो उसे जिले में बैंकिंग कारोबार करने में कठिनाई होगी।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बैंकों के पास 379 सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण लंबित हैं। इनका संतुष्टिपूर्वक निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर कार्यवाही होगी। बैठक में महाप्रबंधक उद्योग यूबी तिवारी ने बताया कि उद्यम क्रांति योजना के तहत बैंकों को 1503 प्रकरण भेजे गए हैं। जिनमें से 506 प्रकरण मंजूर हुए हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में 304 प्रकरण बैंक भेजे गए हैं। इनमें से 38 प्रकरणों में 127 लाख रुपए का ऋण वितरित किया गया है। बैठक में अग्रणी बैंक प्रबधंक एसके निगम ने ऋण प्रकरणों के वितरण की जानकारी दी। बैठक में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |