Since: 23-09-2009
उज्जैन। प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने बुधवार को उज्जैन में देवास मार्ग पर स्थित विक्रम कीर्ति मन्दिर परिसर स्थित पुरातत्व संग्रहालय के नवीन भवन सहित नई विथिकाओं के लिये भूमि पूजन किया। संग्रहालय का वर्तमान भवन जीर्णशीर्ण होने से स्मार्ट सिटी द्वारा संग्रहालय के जीर्णोद्धार तथा उन्नयन का कार्य किया जायेगा।
संग्रहालय में शहर के समृद्ध इतिहास के कुछ संग्रह, जिसमें लगभग सभी अवधियों-शासकों की कलाकृतियां हैं। प्रागैतिहासिक युग की 650 कलाकृतियां और 30 हजार दुर्लभ पाण्डुलिपियों का संग्रह भी है। उक्त प्रस्तावित कार्य में 1200 वर्गमीटर के नये भवन का निर्माण तथा 4500 वर्गमीटर के मौजूदा ढांचे का उन्नयन/नवीनीकरण, कलाकृतियों को प्रदर्शित करने के लिये नई गैलरी स्थापित करना, वातानुकूलन एवं आधुनिक भण्डारण, प्रदर्शन, प्रकाश व्यवस्था और ऑडियो डिजिटल माध्यम से कलाकृतियों एवं पाण्डुलिपियों के बारे में जानकारी देना आदि शामिल है। भूमि पूजन के बाद राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने पुरातत्व संग्रहालय का निरीक्षण किया।
डॉ.मोहन यादव ने राज्यपाल को जानकारी दी कि विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय के स्वरूप को बदलने का कार्य किया जायेगा। भवन निर्माण सहित नई विथिकाएं 14 करोड़ रुपये लागत से बनाई जायेगी। पुरातत्व संग्रहालय में पांच लाख साल पुराना विश्व प्रसिद्ध हाथी का मस्तक, गेंडे का सिंग, दरियाई घोड़ेे का दांत, जंगली भैंसे का जबड़ा एवं अन्य 200 जीवाश्म को विथिकाओं में प्रदर्शित किया जायेगा।
संग्रहालय में भीम बैटका के पुरातात्विक उत्खनन में डॉ.विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा एकत्रित आदि मानव के द्वारा निर्मित प्रस्तर औजारों को भी प्रदर्शित किया जायेगा। उज्जैन के राजा चंडप्रद्योग के काल में निर्मित लकड़ी की दीवार,बंदरगाह के अवशेष के रूप में गढ़कालिका क्षेत्र स्थित शिप्रा नदी के तट से प्राप्त 10 लट्ठे जो कि 2600 वर्ष पूर्व के हैं, भी संग्रहालय में प्रदर्शित किये जायेंगे। संग्रहालय में दुर्लभ प्रस्तर 472 प्रतिमाएं जो कि मौर्यकाल से लेकर मराठाकाल तक की है। इन्हें भी नवनिर्मित विथिकाओं में प्रदर्शित कर संग्रहालय को भव्य बनाने की योजना बनाई गई है।
MadhyaBharat
18 January 2023
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|