Since: 23-09-2009
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नर्सिंग घोटाले के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर नियम 138 (1) के तहत सदन में चर्चा हो रही है। विपक्षी सदस्यों के जवाब में सरकार ने कहा कि मामला सामने आने के बाद दोषियों पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है। फिलहाल, लंच ब्रेक के लिए एक घंटे तक कार्यवाही स्थगित की गई है।
कांग्रेस विधायक और सदन में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने नर्सिंग कॉलेज का मुद्दे पर ध्यानाकर्षण लगाया। कटारे ने कहा कि नर्सिंग काउंसिलिंग के गठन और कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता जारी की गई। दिखावे के लिए औपचारिक कार्रवाई की गई है। 3 सत्र से नर्सिंग छात्र का भविष्य अंधकार में है। विभागीय मंत्री ने अपात्र कॉलेजों को मान्यता दी है। उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा, 'मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल में लंबे समय से रजिस्ट्रार की नियुक्ति अधिनियम के विरुद्ध की जा रही है। प्रदेश के 80% नर्सिंग कॉलेजों में सैकड़ों कमियां हैं। शिक्षा माफिया को फायदा पहुंचाने नियमों का शिथिलीकरण किया गया है।'
हेमंत कटारे ने मंत्री विश्वास सारंग पर सदन में बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब छात्र अपने भविष्य की गुहार लगा रहे थे, तब जिमेदार स्कॉपियो में ऊपर स्टंट मार रहे थे। इसी को लेकर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही लाइव करने की मांग रखी है। वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विश्वास सांरग की स्टंट की तस्वीर सदन में लेने की आपत्ति ली है। हेमंत कटारे ने इसे यातायात के नियमों के खिलाफ बताया है।
जवाब में लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि मामले में दो नर्सिंग रजिस्ट्रार को बर्खास्त किया गया है। निरीक्षण कर गलत रिपोर्ट देने वालों पर भी कार्रवाई की गई है। चर्चा के दौरान जबलपुर पूर्व से कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने कहा- यह हजारों छात्रों के भविष्य का मामला है। जो भी मंत्री, स्वास्थ्य एसीएस, स्वास्थ्य आयुक्त, अफसर दोषी हों, उन पर कार्रवाई की जा जाए।
हेमंत कटरे ने मांग की है कि पहले तत्कालीन विभागीय मंत्री को वर्तमान मंत्री पद से हटाया जाए। जिससे जांच प्रभावित ना हो। एसीएस को भी वहां पदस्थ किया जाए। जहां से वह जहां प्रभावित न कर सकें। अनसूटेबल कॉलेज के छात्रों को सरकारी खर्चे पर दूसरे कॉलेजों में एडमिशन दिया जाए। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि मंत्री जी ने कुलपति को निर्देश दिए थे कि कॉलेजों की दोबारा जांच हो और संबद्धता दी जाए। सात दिन में भोपाल के मलय कॉलेज को मान्यता दी गई। दूसरी बैठक में 21 कॉलेज और तीसरी बैठक में 17 ऐसे करीब 40 कॉलेज को नियम विरुद्ध मान्यता दी गई। मान्यता के साथ परीक्षा की अनुमति भी मिली।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा का नियम है कि किसी पर आरोप लगाने से पहले अनुमति लेना चाहिए। मंत्री पर आरोप लग रहे हैं। क्या पहले इस संबंध में सूचना दी गई है। उन्होंने कहा कि आरोप विलोपित किए जाएं।
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश को बचाने के लिए हमे एक जुट होना पड़ेगा। सरकार ने कोर्ट में संज्ञान लिया तब कार्रवाई की। सरकार ने खुद से संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं की। नर्सिग कॉलेज में मान्यता के लिए नियम बदले गए। जांच के बाद भी धांधली हुई है। एमपी 16 सरकारी नर्सिग कॉलेज थे, जिनमें से 8 को रिजेक्ट कर दिया गया। गरीब छात्र कहां पढ़ाई करेंगे? सरकारी कॉलेज बन्द किये जा रही है।
MadhyaBharat
2 July 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|