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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड घोटाले के मामले में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न केवल केंद्रीय मंत्री शेखावत बल्कि इनके परिवारीजन और रिश्तेदार भी संजीवनी घोटाले में शामिल हैं।
राजस्थान बजट पर मीटिंग लेने के बाद सचिवालय में दोपहर बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि जिस व्यक्ति पर भयंकर आरोप लगे हुए हैं, उसे प्रधानमंत्री ने मंत्री बनाया हुआ है। मेरी उनसे मांग है कि इसकी जांच की जानी चाहिए। गहलोत ने कहा कि संजीवनी घोटाले के पीड़ितों में 80 फीसदी राजपूत है। गहलोत ने कहा कि इस मामले में उन्होंने शेखावत के गुरु भगवान सिंह रोलसाबसर से बातचीत की और कहा कि वह शेखावत को समझाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखावत ने विदेशों के अंदर पता नहीं कितना पैसा लगा रखा है? ऑस्ट्रेलिया, इथियोपिया के साथ पता नहीं कितने देशों में शेखावत का पैसा लगा हुआ है। यह बात उन्हें क्लियर करनी ही चाहिए।
एक प्रश्न के उत्तर में गहलोत ने कहा कि सीबीआई को जांच नहीं दे रहे, क्योंकि सीबीआई तो गजेंद्र सिंह और इन लोगों की जेब में ही है। इतना बड़ा घोटाला हुआ है, जिसके लिए गजेंद्र सिंह को एसओजी के पास जाना चाहिए और कहना चाहिए कि मुझे अरेस्ट कर लीजिए। इससे पहले हमारी सरकार गिरा रहे थे, यह भी एक मुख्य किरदार थे। यह वॉयस सैंपल दे नहीं रहे। कोर्ट से बार-बार रिलीफ ले रहे हैं। हालांकि पूरी दुनिया जानती है कि सरकार गिराने के षड्यंत्र वाले ऑडियो में गजेंद्र सिंह की आवाज है। जोधपुर का सांसद हमारी सरकार को गिरा रहा था, मारवाड़ का मुख्यमंत्री और उसकी सरकार गिराकर मारवाड़ की बेइज्जती कर रहा है।
गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जानते हैं कि 1 लाख से ज्यादा पीडि़तों की जिंदगीभर की जमापूंजी के करीब 900 करोड़ से ज्यादा की रकम को संजीवनी सोसाइटी ने लूटा है। संजीवनी घोटाले के आरोपितों की प्रॉपर्टी तक अटैच नहीं की है। गहलोत ने कहा कि इस मामले में प्रॉपर्टी अटैच करने के अधिकार एसओजी के पास ना होकर प्रवर्तन निदेशालय के पास हैं। एसओजी ने पिछले दो साल में ईडी को पांच बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रॉपर्टी अटैच करने का आग्रह किया है। इसके बावजूद देशभर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक संजीवनी घोटाले के आरोपितों की प्रॉपर्टी तक अटैच नहीं की है।
सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि यदि केंद्रीय मंत्री शेखावत बेकसूर हैं तो गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे आएं। और तो और अभी तक केंद्रीय मंत्री होने के नाते कार्रवाई क्यों नहीं करवा पाए, इसका जवाब जनता को देना ही होगा। सरकार पीड़ितों को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए लगातार संपर्क साधेगी। सेंट्रल रजिस्ट्रार ने इस मामले में एक लिक्विडेटर नियुक्त किया है लेकिन वो तब ही पीडि़तों का पैसा लौटा पाएगा, जब संजीवनी सोसाइटी की प्रॉपर्टी अटैच होकर वहां से पैसे की रिकवरी होगी। केंद्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें राजस्थान सरकार पूरा सहयोग करेगी। वे यह भी बोले कि संजीवनी घोटाला पीड़ित संघ के लोग करीब 6 महीने पहले जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर और दो दिन पहले जोधपुर सर्किट हाउस में मुझसे मिले थे। उनकी बातें सुनकर मैं भी भावुक हो गया कि किस प्रकार उन्हें झांसे लेकर उनकी मेहनत की जमा पूंजी लूटी गई। कई पीडि़तों के तो करोड़ों रुपये इस घोटाले में डूब गए हैं। मेरे पास सभी पीड़ितों की बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है, जिसमें उनका दर्द फूट रहा है।
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