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चेन्नई। सेना के एक जवान की हत्या का विरोध करना भाजपा कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ा है। तमिलनाडु पुलिस ने बिना अनुमति के कैंडल मार्च निकालने पर भाजपा के 3500 कार्यकर्ताओं के विरुद्ध आईपीसी की धारा 143, 151 और 41(6) के तहत एफआईआर दर्ज की है। चेन्नई पुलिस ने एक बयान में यह जानकारी दी।
विगत 08 फरवरी को चेन्नई के पोचमपल्ली इलाके में एक पानी की टंकी के पास डीएमके नेता चिन्ना स्वामी के परिवार की कपड़े धोने को लेकर थलसेना में बतौर सैनिक सेवारत प्रभू के परिवार से गरमा-गरम बहस हुई। इस झगड़े के बाद डीएमके नेता चिन्ना स्वामी ने अपने साथियों के साथ प्रभू के परिवार पर हमला बोल दिया। इस हमले में प्रभू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां 14 फरवरी को उन्होंने दम तोड़ दिया। सेना के जवान की हत्या के खिलाफ 21 फरवरी को भाजपा के तामिलनाडु प्रदेश प्रमुख के. अन्नामलाई के नेतृत्व में चेन्नई में कैंडल मार्च निकाला गया था। इस मार्च से आक्रोशित राज्य सरकार ने कैंडल मार्च में शामिल हुए 3500 कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराया है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने कहा कि जवान की हत्या दर्शाती है कि तमिलनाडु को देश के जवानों की कोई परवाह नहीं है। नतीजतन राज्य को लेकर देश में गलत अवधारणा न हो इसके लिए हमने मृतक सैनिक के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला और यह संदेश दिया कि तमिल जनता सैनिकों के साथ है, लेकिन जिस तरह से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री इस मुद्दे को हैंडिल रहे हैं वह तरीका बेहद शर्मनाक है। बतौर अन्नामलाई एक तमिल होने के नाते राज्य सरकार का रवैया देखकर उनका सिर शर्म से झुक गया है।
MadhyaBharat
23 February 2023
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