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नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला में सीबीआई से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सिसोदिया ने कहा कि उनके भागने की कोई संभावना नहीं है। वह दिल्ली में रहते हैं, लोकसेवक हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।
सिसोदिया की ओर से पेश वकील दायन कृष्णन ने कहा कि उनकी पत्नी की तबीयत 20 साल से खराब है और देखभाल के लिए कोई नहीं है। उन्होंने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह कानून के दायरे में काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सिसोदिया का मोबाइल फोन सीज हो चुका है। दूसरे फोन को लेकर हम जवाब दे चुके हैं। सीबीआई को मिली डिवाइस में सीधे तौर पर सिसोदिया के खिलाफ कुछ नहीं मिला है।
दायन कृष्णन ने सिसोदिया की जमानत की मांग करते हुए कहा कि आबकारी मामले में सीबीआई के मामले में सभी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई सिर्फ सिसोदिया को परेशान कर रही है। उनके पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने वाले दिन मोबाइल फोन का बदला जाना सिर्फ एक इत्तेफाक भर है। इस मामले में दो पब्लिक सर्वेंट भी आरोपित हैं, जिनको गिरफ्तार भी नहीं किया गया और उनको जमानत मिल चुकी है।
सिसोदिया की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा कि हिरासत की अर्जी में सीबीआई लगातार एक ही बात और आधार बताती रही है। अब उनको न्यायिक हिरासत में रखना उचित नहीं है। उन्होंने रूनू घोष बनाम सीबीआई के फैसले का हवाला दिया। सीबीआई की ओर से दलील देते हुए वकील डीपी सिंह ने कहा कि सिसोदिया 18 मंत्रालय देख रहे थे, जिसमें शिक्षा विभाग के साथ वित्त और आबकारी विभाग भी था। उनको सारी जानकारी थी।
सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि भले ही सिसोदिया का देश छोड़कर भागने का खतरा न हो, लेकिन सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं और एक महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं, ऐसे में अगर वह बाहर रहते हैं तो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही मामले से जुड़े सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ कर सकते हैं।
बता दें कि सिसोदिया फिलहाल ईडी हिरासत में हैं। सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था
MadhyaBharat
21 March 2023
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