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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को बजट पर लगे विराम को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे पास एक विकल्प था कि हम लड़ लेते। कोर्ट चले जाते, लेकिन हमने कहा कि हमें लड़ना नहीं है। उधर से जो भी ऑब्जरवेशन आया था उसका जवाब हमने लिखा और भेज दिया। हमने जवाब दे दिया आज वह बजट अप्रूव हो गया।
उन्होंने कहा कि यह राजनीति है, अहंकार है। वे खुश हो गए। खुश हो गए कि केजरीवाल को झुका दिया। बजट में फंड के आवंटन पर ऑब्जेक्शन लगाया गया था कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 20,000 करोड़ और विज्ञापन मद में 500 करोड़ अधिक है। 500 करोड़ कैसे 20,000 करोड़ से अधिक हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऊपर से नीचे तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है।
आगे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को तकलीफ है कि दिल्ली में बार-बार आम आदमी पार्टी क्यों जीत रही है। प्रधानमंत्री को कहना चाहता हूं आप दिल्ली जीतना चाहते हो तो आपको मंत्र देता हूं दिल्ली जीतने के लिए आपको दिल्ली के लोगों का दिल जीतना होगा। रोज-रोज झगड़ने से दिल्ली वाले आपको वोट नहीं देंगे। मैंने दिल्ली में अगर हजार स्कूल ठीक कर दिए तो आपके सामने तो बहुत स्कूल है आप उसे ठीक कर दो। अगर आप दिल्ली के काम को रोकने की कोशिश करोगे तो आप इस जन्म में दिल्ली को नहीं जीत पाओगे। हमसे लंबी लकीर खींचो।
विधानसभा में केजरीवाल ने खुलकर कहा कि प्रधानमंत्री बड़े भाई की भूमिका निभाए और सहयोग करें। हम आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हम कोई राजनीति नहीं करना चाहते। आप से सहयोग चाहते हैं हम बहुत छोटे हैं। आपके सामने छोटे भाई की तरह, बड़ा भाई कोई छोटे भाई को आकर रोज डांटें तो छोटा भाई कब तक बर्दाश्त करेगा। अगर आपको छोटे भाई का दिल जीतना है तो छोटे भाई को प्यार करो, छोटे भाई के साथ चलो, वही छोटा भाई आपका साथ देगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संकल्प प्रस्ताव का समर्थन किया।
प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की रोक के कारण आज दिल्ली विधानसभा में बजट पेश नहीं हो पाया। सोचता हूं बाबा साहब अंबेडकर जब संविधान लिख रहे थे तो उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि ऐसी परिस्थिति भी आएगी। 10 मार्च को दिल्ली सरकार ने बजट केंद्र को भेजा। कुछ ऑब्जेक्शन लगाकर 17 मार्च को केंद्र ने वापस किया।
अभी नेता विपक्ष ने कहा कि एलजी ने ऑब्जेक्शन लगाएं। संविधान के अंदर उपराज्यपाल को कोई भी ऑब्जेक्शन लगाने का अधिकार नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। सुप्रीम कोर्ट 2018 का आर्डर साफ-साफ कहता है संविधान का आर्टिकल 239 एए में दिल्ली के उपराज्यपाल सिर्फ ठप्पा लगाने के लिए है।
केजरीवाल ने कहा कि अगर एलजी को ही सरकार चलानी थी तो विधायक क्यों चुने गए। यह किसी राज्य का बजट केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है, यह परंपरा चली आ रही है। कई सालों से चली आ रही परंपरा को हम भी मानते रहते हैं, आज तक कभी केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य सरकार में ऐतराज नहीं किया। पहली बार यह परंपरा टूटी है।
MadhyaBharat
21 March 2023
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