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नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि अडानी समूह पर लगे आरोपों का सच सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करवाना ही एकमात्र विकल्प है। सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति केवल गौतम अडानी से पूछताछ करेगी जबकि सच को सामने लाने के लिए सरकार से भी सवाल पूछे जाने चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बैठाई गई विशेषज्ञों की समिति सरकार को क्लीनचिट देने के लिए है।
रमेश ने कहा कि वर्ष 1992 में हर्षद मेहता घोटाले की जांच के लिए जेपीसी की मांग की गई थी। फिर वर्ष 2001 में केतन पारेख घोटाले की जांच जेपीसी से कराई गई थी। यह दोनों मामले भी ट्रेडिंग से जुड़े थे। ऐसे में अडानी समूह पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए जेपीसी का गठन जरूरी है।
रमेश ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के साथ सौदेबाजी को तैयार नहीं है। पिछले तीन-चार दिनों से कहा जा रहा है कि अगर विपक्ष जेपीसी की मांग वापस ले तो भाजपा राहुल गांधी से माफी की मांग वापस ले लेगी। रमेश ने कहा कि यह हमें नामंजूर है।
उल्लेखनीय है कि अडानी समूह पर हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यों वाली एक्सपर्ट कमेटी बनाई है। इस कमेटी के हेड रिटायर्ड जज एएम सप्रे हैं। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने के अलावा शेल कंपनियां बनाने जैसे आरोप लगाए थे।
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