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सूरत/अहमदाबाद। सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को 'मोदी उपनाम' वाले बयान पर उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई है। फिलहाल सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड रखते हुए उन्हें अपील का मौका दिया गया है। साथ ही 10 हजार के बांड पर जमानत दे दी है।
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को बेंगलुरु के निकट कोलार में एक चुनावी जनसभा में मोदी सरनेम को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है। इस पर सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की थी। इसी मामले में उन्हें कोर्ट ने आईपीसी की धारा 490 और 500 के तहत दोषी ठहराया है।
स्वागत में सूरत में बैनर-पोस्टर लगे
राहुल गांधी सुबह 11 बजे के करीब सूरत हवाईअड्डे पर पहुंचे। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर उनका स्वागत किया। कांग्रेस के गुजरात प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, नेता प्रतिपक्ष अमित चावडा समेत अन्य कई नेता सूरत पहुंचे। पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा ने राहुल गांधी पर लगाए आरोप को आधारहीन बताते हुए कहा कि सत्य की जीत होती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे उदाहरण है, जब सुप्रीम कोर्ट और अन्य कोर्ट के जजमेंट में न्याय मिला है। यह सिर्फ परेशान की राजनीति है, जो भाजपा ने शुरू की है। उन्होंने कहा कि देश के सामने मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा के नेता इस तरह के केस कर रहे हैं। सूरत कांग्रेस नेता नैषद देसाई ने न्यायालय की टिप्पणी पर कुछ भी बोलने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वे आगे अपील करेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि राहुल गांधी को अपने आप पर कंट्रोल नहीं है। पूरे समाज को बदनाम करने को लेकर उन्होंने निवेदन किया था। मानहानि की याचिका दायर करने वाले सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने फैसले का स्वागत किया।
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