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सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत पर 31 मार्च को फैसला
new delhi,  Manish Sisodia

नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला के सीबीआई से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने 31 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया।

 

सुनवाई के दौरान सिसोदिया ने कहा था कि उनके भागने की कोई संभावना नहीं है। वह दिल्ली में रहते हैं, लोकसेवक हैं। सिसोदिया की ओर से पेश वकील दायन कृष्णन ने कहा था कि पत्नी की तबीयत बीते 20 साल से खराब है और देखभाल के लिए कोई नहीं है। उन्होंने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह कानून के दायरे में काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा था कि सिसोदिया का मोबाइल फोन जब्त हो चुका है। दूसरे फोन को लेकर हम जवाब दे चुके हैं। सीबीआई को मिली डिवाइस में सीधे तौर पर सिसोदिया के खिलाफ कुछ नहीं मिला है।

दायन कृष्णन ने सिसोदिया की जमानत की मांग करते हुए कहा था कि आबकारी घोटाले के सीबीआई से जुड़े मामले में सभी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। इस मामले में सीबीआई सिर्फ सिसोदिया को परेशान कर रही है। उनके पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है। उन्होंने कहा था कि उपराज्यपाल द्वारा सीबीआई को जांच सौंपे जाने वाले दिन मोबाइल फोन का बदला जाना सिर्फ इत्तफाक भर है। इस मामले में दो पब्लिक सर्वेंट भी आरोपित हैं, जिनको गिरफ्तार भी नहीं किया गया और उनको जमानत मिल चुकी है।

सिसोदिया की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा था कि हिरासत की अर्जी में सीबीआई लगातार एक ही बात और आधार बताती रही है। अब उनको न्यायिक हिरासत में रखना उचित नहीं है। उन्होंने रूनू घोष बनाम सीबीआई के फैसले का हवाला दिया।

 

सीबीआई की ओर से दलील देते हुए वकील डीपी सिंह ने कहा कि सिसोदिया 18 मंत्रालय देख रहे थे, जिसमें शिक्षा विभाग के साथ वित्त और आबकारी विभाग भी था। उनको सारी जानकारी थी। सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि भले ही सिसोदिया के देश छोड़ कर भागने का खतरा न हो, लेकिन जमानत के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं और महत्वपूर्ण पद पर हैं, ऐसे में अगर वह बाहर रहते हैं तो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही मामले से जुड़े सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ कर सकते हैं। सिसोदिया फिलहाल ईडी हिरासत में हैं। सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

MadhyaBharat 24 March 2023

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