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प्रयागराज/लखनऊ। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हुई हत्या के पीछे आईएसआई का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है। इस साजिश को उसके ही पाकिस्तान में बैठे किसी राजदार अंजाम तक पहुंचाया गया है। माफिया ब्रदर्स के पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान पाकिस्तान में अपने कनेक्शन की जानकारी के खतरे के बाद यह योजना बनाई गई थी। इसमें तीनों युवकों को शूटरों के रुप में इस्तेमाल किया गया है। वारदात के तरीके से साफ हो रहा है कि हत्यारों को पूर्व में प्रशिक्षण भी दिया गया होगा।
दरअसल, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने उत्तर प्रदेश पुलिस को मिली रिमांड में उसके पाकिस्तानी कनेक्शन की अहम जानकारियां उगलना शुरु कर दिया था। इनमें सबसे अहम जानकारी उसने पाक से आने वाले असलहों की तस्करी और आईएसआई से जुड़े कई राज उगले थे।
सूत्रों के मुताबिक अतीक पाकिस्तान में बैठे अपने आईएसआई माड्यूल के आतंकी से असहले मंगाता था और फिर उनको अपराधियों और खुद आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रयोग करता था। यहां तक की इनका इस्तेमाल भारत में आतंकी साजिश में भी लाया जाता है। यह असलहे पंजाब के रास्ते भारत आते थे और फिर अतीक के गिरोह में शामिल विश्वासपात्र गुर्गों द्वारा उस तक पहुंचाया जाता था। एक-एक कर पुलिस को इसकी माफिया ब्रदर्स द्वारा जानकारियां दी जा रही थी।
सूत्र बताते हैं कि यह राज पाकिस्तान में बैठे आईएसआई को नागवार लग रही थी। उसे भय था कि अतीक के राज उगलने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ सकता है। इसको देखते हुए पाक में बैठे आईएसआई के स्लीपिंग माड्यूल ने ही पुलिस कस्टडी में उनकी हत्या की साजिश रची। उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए ही भारत में बैठे एजेंट से समर्थक साधा। हत्या को अंजाम देने वाले उसी आईएसआई एजेंट के सदस्य हो सकते हैं। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद समर्पण करने वाले तीनों हत्यारों ने इसी योजना के तहत मिसगाइड करने के लिए वारदात के बाद धार्मिक नारे भी लगाए गए हैं।
टर्की मेड पिस्टल बयां कर रही 'आईएसआई' साजिश का होना
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। शूटर्स ने अतीक और अशरफ को मारने के लिए जिस 'जीगना गन' का इस्तेमाल किया है, वह टर्की मेड है जिसे सरहद पार से ही अवैध तरीके से भारत आती है। बताया जा रहा है कि यह ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भारत आती रही हैं। इसी जीगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल पिछले साल मई में हुए पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में किया गया था। जीगाना पिस्टल की कीमत लगभग चार से पांच लाख रुपये बताई जा रही है।
माफिया ब्रदर्स की हत्या की साजिश साधे एक तीर से दो निशाने
इस कांड को करवाने वालों ने एक ही तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो राज खोलने वालों का मुंह बंद कर दिया, दूसरा योगी सरकार को बदनाम करके प्रदेश में सौहार्द का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा सके। फिलहाल कुछ भी हो पुलिस अभिरक्षा के बीच हुए इस हत्याकांड की परतें उधेड़ना या इन्वेस्टिगेशन करना इतनी आसान नहीं होगी। सूत्रों बताते हैं कि पूछताछ में खुद माफिया ब्रदर्स ने कबूला था कि उमेश पाल हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा दो करोड़ रुपये में पाकिस्तान से हथियार सप्लाई कर मंगाए गए थे।
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