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जम्मू। जम्मू-कश्मीर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्री बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारी तेज हो गई है। इस बार एक जुलाई से 30 अगस्त (रक्षाबंधन) तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर की 20 बैंक शाखाओं में सोमवार से ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए देश भर में चार बैंकों की 542 शाखाओं में पंजीकरण करवाया जाएगा।
जम्मू जिला में सबसे अधिक छह बैंक शाखाएं चिन्हित की गई हैं। इसके अलावा डोडा में 2, कठुआ में 2, राजोरी, पुंछ, रामबन में 1.1, रियासी में 2, श्रीनगर, उधमपुर में 1.1, सांबा में 2 और रामबन में 1 बैंक शाखा में यात्री पंजीकरण होगा। इसके लिए श्राइन बोर्ड के वेबसाइट से डाउनलोड किए गए फार्म पर तीन फोटो के अलावा 16 अप्रैल के बाद जारी किया गया स्वास्थ्य प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा।
इस वर्ष पहली बार अमरनाथ यात्रा 62 दिनों तक चलेगी। अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र गुफा में सुबह और शाम के समय होने वाली आरती का सीधा प्रसारण किया जाएगा। श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग पर विभिन्न शिविरों में सुविधाओं के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। शिविरों में सुविधाओं और पौनी व पालकी वालों की सेवाओं के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। यात्रा के पहलगाम व बालटाल दोनों मार्गों पर शिविर तैयार करने, मरम्मत कार्य व अन्य ढांचागत सुविधाओं के लिए टेंडर निकाले गए हैं। नीलग्रथ हेलीपैड के पास कैफेटेरिया के लिए भी टेंडर मांगे गए हैं।
पहलगाम मार्ग पर विभिन्न जगहों में वाटर स्टोरेज टैंक की मरम्मत व वाटर प्यूरीफायर की सेवा के लिए भी टेंडर मांगे गए हैं। शेषनाग कैंप में मरम्मत कार्य, नुनवान शिविर में टायलेट आसपास क्षेत्रों में सफाई, नुनवान कैंप में विभिन्न जगहों पर नए नालियों के निर्माण, चंदनवाड़ी शेषनाग और चंदनवाड़ी से यात्रा मार्ग पर साइन बोर्ड लगाने और बाद में हटाने के लिए और पवित्र गुफा के पास सीढ़ियों के शेड कार्य के लिए भी निविदा आमंत्रित किए गए है।
अमरनाथ यात्रा हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह भारत के जम्मू और कश्मीर प्रदेश की राजधानी श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किमी दूर समुद्रतल से 13,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई (भीतर की ओर गहराई) 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। गुफा 11 मीटर ऊंची है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है, क्योंकि यहीं पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।
MadhyaBharat
16 April 2023
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