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मुंबई। उद्योगपति गौतम अडाणी ने गुरुवार को सुबह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के मुंबई स्थित आवास सिलवर ओक पर जाकर मुलाकात की। यह मुलाकात इन दोनों के बीच तकरीबन दो घंटे तक चली। इस मुलाकात के बारे में दोनों तरफ से अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। इसलिए इस मुलाकात को लेकर चर्चा का माहौल गरमाया हुआ है।
दरअसल, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद जहां विपक्ष ने अडाणी समूह के प्रति आक्रामक रुख अपनाया, वहीं शरद पवार ने अलग रुख अपनाया था। शरद पवार ने कहा था कि अतीत में, टाटा-बिड़ला समूहों का उपयोग विपक्ष द्वारा सरकार की आलोचना करने के लिए किया जाता था। देश के विकास में इन समूहों का योगदान सभी जानते हैं। आजकल सरकार को निशाना बनाने के लिए अडाणी-अंबानी समूहों के नाम का इस्तेमाल किया जाता है। अंबानी समूह ने पेट्रोकेमिकल्स और अन्य क्षेत्रों में काफी काम किया है। अडाणी समूह ने बिजली और अन्य क्षेत्रों में बहुत कुछ किया है। देश को इसकी जरूरत है। अगर सबूत है कि इन समूहों ने कुछ अवैध या गलत किया है, तो लोकतंत्र में आलोचना करने का अधिकार है लेकिन अगर कोई सबूत नहीं है, तो यह गलत है।
शरद पवार ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति की जांच की बजाय सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की थी। इसी वजह से कांग्रेस, शिवसेना के नेताओं सहित कई लोगों ने पवार की आलोचना की थी। आज गौतम अडाणी-शरद पवार के बीच हुई दो घंटे की मुलाकात के बाद फिर से इस मुद्दे पर चर्चा होने लगी है।
MadhyaBharat
20 April 2023
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