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कूनो में एक और चीते की मौत
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भोपाल। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता उदय ने यहां बीमार पड़ने के बाद रविवार शाम इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने चीता उदय की मौत की पुष्टि की है। इसके पहले 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की किडनी की बीमारी से मौत हो चुकी है। कूनो में अब 18 चीते और चार शावक बचे हैं।

दरअसल, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रखा गया था। यहां दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों में से एक नर चीते की रविवार शाम मौत हो गई। हाल ही में इसका नाम "उदय" रखा गया था। कूनो प्रबंधन के अनुसार सुबह चीता सुस्त देखा गया। स्वास्थ्य परीक्षण में बीमार मिलने के बाद उसे तुरंत उपचार भी शुरू कर दिया गया, परंतु शाम चार बजे उसने दम तोड़ दिया। चीते की मौत का स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा।

रविवार देर शाम राष्ट्रीय उद्यान वन विहार द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार रविवार सुबह नौ बजे चीते की दैनिक निगरानी के लिए दल द्वारा बाड़ा नंबर दो में मौजूद नर चीता उदय को सर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा पाया गया। करीब जाने पर वह लड़खड़ा कर एवं गर्दन झुका कर चलता मिला। हालांकि, एक दिन पहले वह स्वस्थ पूरी तरह था। उसकी शिथिलता की सूचना वायरलेस द्वारा तत्काल अन्य बाड़ों में चीता की निगरानी कर रहे वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। चिकित्सक दल ने तत्काल उसकी जांच की और बीमार घोषित किया।

मौके पर मौजूद वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं चीता कंजरवेशन फंड के चीता विशेषज्ञ ने उसे ट्रेंकुलाइज (बेहोश) करने की आवश्यकता महसूस की। मुख्य वन संरक्षक व प्रधान मुख्य वन संरक्षक से परामर्श व स्वीकृति के बाद 11 बजे उसे बेहोश कर मौके पर ही उपचार शुरू किया गया। उपचार के दौरान ही शाम लगभग चार बजे उसकी मौत हो गई।

कूनो में किडनी की बीमारी से चीता साशा की मौत के मामले में कूनो प्रबंधन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया था कि भारत लाए जाने के पहले ही वह बीमारी से ग्रसित थी। तब अधिकारियों ने अन्य सभी चीतों के पूरी तरह स्वस्थ होने का दावा किया था। मगर, एक और चीते की मौत ने अधिकारियों के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि चीता पुनर्स्थापना प्रोजेक्ट के तहत 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ और 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका 12 चीते लाए गए थे, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस दौरान सियाया मादा चीता ने चार शावकों को जन्म भी दिया है।

केंद्रीय वन मंत्रालय ने 20 अप्रैल को भी दी थी चीते के स्वस्थ होने की जानकारी

 

दक्षिण अफ्रीका से आए उदय चीते की मौत से स्वास्थ्य पर निगरानी रख रहा दल, इसलिए भी सवालों के घेरे में आया गया है, क्योंकि चीतों के नामकरण के दिन 20 अप्रैल को केद्रीय वन मंत्रालय ने बयान जारी कर सभी 19 चीतों और चार शावकों के स्वस्थ होने की जानकारी दी थी।

18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से जब 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिलीज किया था तब कूनो में इनका कुनबा 20 तक जा पहुंचा था। दो माह की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद 17 व 19 अप्रैल को इन सभी चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। उस समय भी इनकी स्वास्थ्य जांच हुई।

अब प्रधान मुख्य वन्य सरंक्षक जेएस चौहान का कहना है कि सुबह 11 बजे की जांच में ही चीते को अस्वस्थ पाया गया और शाम होते-होते उसे बचाया नहीं जा सका। सोमवार को जबलपुर वेटनरी यूनिर्विसिटी के डाक्टर व भोपाल के वन्यजीव विशेषज्ञ डाक्टर की टीम कूनो पहुंचकर पोस्टमार्टम करेगी तब मौत के कारणों का पता चल सकेगा।

बताया गया है कि उदय पूरी तरह स्वस्थ्य था लेकिन अचानक बीमार हो गया। आंशका ये जताई जा रही है कि उसे किसी जरहीले कीड़े ने काटा था, जिस वजह से उसकी मौत हुई है। लेकिन मौत कैसे हुई इसकी पुष्टि पीएम रिपोर्ट आने के बाद होगी। जहरीले कीड़े काटने को लेकर अधिकारियों द्वारा साफ इनकार किया जा रहा है।

MadhyaBharat 24 April 2023

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