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चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात निधन हो गया। वह 95 साल के थे। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस हार्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली। बादल के निधन के बाद पंजाब की राजनीति में एक अध्याय का अंत हो गया। वह पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। प्रकाश सिंह बादल का जन्म 08 दिसंबर 1927 को गांव अबुल खुराना (अब पाकिस्तान में) में हुआ था।
बादल पिछले लंबे समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे। वर्ष 2020 में कोरोना के बाद से ही बादल ने सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली थी। बादल ने राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना बंद कर दिया था। हालांकि वह अपने आवास से कार्यकर्ताओं के नाम वीडियो संदेश जरूर भेजते रहते थे। बीती 23 मार्च को एक केस के सिलसिले में प्रकाश सिंह बादल फरीदकोट की अदालत में जमानत के कागज दाखिल करने पहुंचे तो भारी भीड़ उमड़ गई।
प्रकाश सिंह बादल की तबीयत बिगड़ने के बाद पिछले साल उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई में भी भर्ती कराया गया था। अब बीते 16 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस हार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत कई दिनों तक स्थिर बनी हुई थी। गृहमंत्री अमित शाह ने भी दो दिन पहले सुखबीर बादल को फोन करके प्रकाश सिंह बादल के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। इस बीच आज मंगलवार की रात बादल का निधन हो गया। प्रकाश सिंह बादल वर्ष 1970 से 1971, 1977 से लेकर 1980, 1997 से 2002, 2007 से लेकर 2012 तथा 2012 से 2017 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे।
बादल के निधन पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने हमेशा निजी संबंधों को तरजीह दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल विनम्रता के लिए जाने जाएंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब की राजनीति को कभी न पूरा होने वाला नुकसान हुआ है। उनका जीवन संघर्ष से भरपूर रहा है।
MadhyaBharat
26 April 2023
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