Since: 23-09-2009
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति को लेकर शुक्रवार देर रात अध्यादेश जारी किया है। अध्यादेश के मुताबिक तीन सदस्यों वाली राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो आपसी सहमति के आधार पर निर्णय करेगी और किसी भी असहमति पर अंतिम निर्णय उपराज्यपाल का होगा। इस अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार देर रात जारी अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे और दिल्ली के मुख्य सचिव तथा दिल्ली के प्रधान गृह सचिव इसके पदेन सदस्य होंगे। सभी निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाएंगे। प्राधिकरण की जिम्मेदारी होगी कि वह दिल्ली में सेवा देने वाले दानिक्स अधिकारियों और सभी ग्रुप ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग की सिफारिश करे।
प्राधिकरण एलजी को सिफारिश करेगा जिसके बारे में एलजी को पूछताछ का अधिकार होगा। यदि एलजी प्राधिकरण की सिफारिश से अलग सोच रखते हैं, तो वे लिखित कारणों से फाइल वापस कर सकते हैं। मतभेद की स्थिति में एलजी का निर्णय अंतिम होगा।
प्राधिकरण कुछ को छोड़कर सभी ग्रुप ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और अभियोजन स्वीकृति के उद्देश्य से सतर्कता और गैर-सतर्कता से जुड़े मामलों की सिफारिश करेगा।
उल्लेखनीय है कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस विभाग पर चुनी हुई सरकार का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डर गई केंद्र सरकार: आतिशी
दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच के आदेश की अवमानना बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल को अधिकार मिलने के डर से यह अध्यादेश लेकर आई है। यह अजीब है कि भले ही दिल्ली की जनता ने 90 फीसदी सीट अरविंद केजरीवाल को दी हो लेकिन दिल्ली की सरकार अरविंद केजरीवाल नहीं चला सकते। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से डरी हुई है।
केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को लेकर आप के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह अध्यादेश लाकर फिर साबित कर दिया कि वह तानाशाह हैं।
MadhyaBharat
20 May 2023
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|