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नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी के केन्द्र के अध्यादेश के मसले पर उसका साथ शायद नहीं देगी। पार्टी की पंजाब और दिल्ली इकाई ने पार्टी हाईकमान को ऐसा नहीं करने का सुझाव दिया है।
इस संबंध में पंजाब और दिल्ली इकाई की राय जानने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वहां के नेताओं को बुलाया था। सूत्रों के मुताबिक आज बैठक में दोनों इकाइयों के नेताओं ने विरोध में अपनी राय रखी है। इनका कहना है कि आप भाजपा की बी टीम है और पार्टी ने कांग्रेस के हितों को हर जगह प्रभावित किया है। हालांकि अंतिम निर्णय से पहले खड़गे अन्य राज्यों के पार्टी नेताओं से भी विमर्श करना चाहते हैं।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज हमने इस पर दिल्ली और पंजाब के नेतृत्व के साथ चर्चा की। उन्होंने अपनी चिंताओं और विचारों को रखा है और निश्चित रूप से हम आने वाले दिनों में अंतिम निर्णय लेंगे।
पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मिलने का समय मांगा था। मुख्यमंत्री केजरीवाल वर्तमान में केन्द्र के नियुक्ति और स्थानांतरण विषय पर दिल्ली के उपराज्यपाल को अंतिम अधिकार देने के अध्यादेश के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। इसके लिए वे देशभर के नेताओं से मिल रहे हैं और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष व पार्टी नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात का समय मांगा है। केजरीवाल चाहते हैं कि केन्द्र का लाया अध्यादेश राज्यसभा से पारित न हो।
पंजाब के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा और नवजोत सिंह सिद्धू भी बैठक में शामिल थे। इनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने हमारी राय जानने के लिए हमें आमंत्रित किया था। हमने अपनी राय रख दी है। सिद्धू ने बैठक के बाद कहा कि जहां वैचारिक मतभेद हैं, वहां गठबंधन नहीं हो सकता।
दिल्ली में कांग्रेस नेता अजय माकन खुलकर केजरीवाल का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस को केजरीवाल का समर्थन नहीं करना चाहिए।
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