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इंफाल। मणिपुर में भड़की हिंसा को देखते हुए राज्य के 11 पदक विजेता खिलाड़ियों ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की गुहार लगाई है। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के इन खिलाड़ियों ने अमित शाह को पत्र लिखकर कुकी आतंकवादियों के साथ हुए समझौते एसओओ को रद्द करने की मांग की है। खिलाड़ियों ने कहा है कि अगर राज्य की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किया जाता है तो वे सरकार की ओर से मिले पुरस्कार और पदक को लौटा देंगे।
ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू सहित मणिपुर के 11 खिलाड़ियों ने मंगलवार शाम को अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में चल रहे संकट का जल्द से जल्द समाधान खोजने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने कुकी आतंकवादियों के साथ केंद्र के समझौते एसओओ को रद्द करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर मणिपुर में जल्द शांति और सामान्य स्थिति बहाल नहीं होने की स्थिति में वे अपने पुरस्कार और पदक वापस कर देंगे।
गृह मंत्री के नाम लिखे पत्र पर जिन 11 खिलाड़ियों के हस्ताक्षर हैं, उनमें पद्म पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार विजेता भारोत्तोलक कुंजारानी देवी, पूर्व भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बेम बेम देवी, ध्यानचंद पुरस्कार विजेता एल. अनीता चानू, मुक्केबाज एल. सरिता देवी, पद्मश्री विजेता डब्ल्यू संध्यारानी देवी, ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू, एन. सोनिया चानू, एम. बायोजीत सिंह, वाई सनथोई देवी, एल. सुशीला देवी और एम सुरंजय सिंह शामिल हैं।
बीरेन सिंह को सौंपी ज्ञापन की प्रति
खिलाड़ियों ने कहा कि 'मणिपुर को विघटित करने की मांग किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है।' यदि सरकार राज्य के हालात सामान्य नहीं कर पाती है तो भविष्य में यहां के खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे और न ही किसी उभरती प्रतिभा को प्रशिक्षित करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर नाकेबंदी हटाई जानी चाहिए क्योंकि इस वजह से जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। साथ ही 'मेइती' प्रजाति के लोगों को पहाड़ियों में बसने की अनुमति दी जाए। वर्तमान में वो सिर्फ घाटी में बसते हैं, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 10 प्रतिशत है। कुछ वर्षों बाद उनके लिए यह विकट समस्या बन जाएगा, इसीलिए समाधार आज जरूरी है।
इससे पहले, 11 खिलाड़ियों का दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित ज्ञापन अमत शाह को सौंपने गए थे लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री कुकी पीड़ितों और संगठनों से मिलने के लिए चुराचांदपुर चले गए थे, तो वे ऐसा नहीं कर सके। इसीलिए उन्होंने अपने ज्ञापन की एक प्रति मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को सौंप दी और अमित शाह के चुराचांदपुर से लौटने के बाद उनसे मिलकर ज्ञापन सौंपने की बात कही।
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