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पेरिस। फ्रांस में पुलिस की गोली से एक युवक की मौत के बाद हिंसा बेकाबू हो गयी है। उपद्रवियों ने मॉल और बैंक लूटकर गोलीबारी व आगजनी की है। देश में इमरजेंसी के हालात बन गए हैं। हिंसा व उपद्रव में नौ सौ से ज्यादा लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
बीते मंगलवार को ट्रैफिक नियम तोड़ने को लेकर 17 साल के एक युवक नाहेल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूरे देश में शुरू हुई हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। पेरिस सहित कई शहरों में हालात बेकाबू हो चुके हैं। हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। कई इमारतों में आग लगा दी गई है। गाड़ियां फूंक दी गई हैं। यह हाल केवल पेरिस का ही नहीं बल्कि उससे सैंकड़ों किलोमीटर दूर के शहरों का भी है।
देश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सरकार का साफ कहना है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो आपातकाल घोषित कर दिया जाएगा। मंगलवार को पेरिस से शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब पूरे देश में फैल चुका है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों तक को फूंक डाला। कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। पेरिस के ज्यादातर इलाकों को आग के हवाले कर दिया गया है। फ्रांस की राजधानी पेरिस बीते 72 घंटों से सुलग रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि फ्रेंच गयाना में सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां एक पुलिस अधिकारी आग की चपेट में आ गया। वहीं, केयेन में गुरुवार देर रात गोली से 54 वर्षीय सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई। केयेन में घने धुएं के गुबार उठते देखे गए, जिससे सड़कें धुंधली हो गईं।
उपद्रवियों ने दिनदहाड़े पूर्वी शहर स्ट्रासबर्ग में एक ऐप्पल स्टोर को लूट लिया। पेरिस के एक शॉपिंग मॉल में तोड़फोड़ कर आगजनी की गयी। नानतेरे में एक बैंक को जला दिया गया है। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस ने बताया कि मार्सिले सिटी में भी गोलीबारी कर आगजनी की गयी और दुकानें लूट ली गयीं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। हिंसा को काबू में करने के लिए 45,000 पुलिसवाले तैनात किये गए हैं। इस मामले में अब तक 900 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 200 से अधिक पुलिस अधिकारी भी घायल हुए हैं।
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