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नई दिल्ली। देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बहस तेज होती जा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को यहां कहा कि समान नागरिक संहिता पर कुछ लोग ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं जबकि यह राजनीति का विषय नहीं बल्कि लोगों के भलाई का विषय है। देश में सभी के लिए एक कानून होना चाहिए। यह संविधान की भावनाओं के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में यूसीसी लागू करने का संकल्प रखा गया था। जनता ने भाजपा को चुना अब समान नागरिक संहिता को लागू करने का समय है, इसके लिए काम पिछले साल ही शुरू कर दिया गया था और विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया। विशेषज्ञों की कमेटी ने समान नागरिक संहिता के प्रारूप को तैयार करने के लिए 63 बैठकें की। 2.35 लाख लोगों से राय जानने के लिए गठित उप समितियों की 143 बैठकें हुईं। 4 जुलाई 2022 को कमेटी पहली बैठक हुई थी और 30 जून को समिति ने इसके ड्राफ्ट फाइनल कर लिया है। जैसे ही ड्राफ्ट सरकार को प्राप्त होगा उस पर शीध्र कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा तैयार यूसीसी ड्राफ्ट मिलने के बाद इस पर कानून की राय लेते हुए इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित समिति ने प्रेसवार्ता में बताया कि समान नागरिक संहिता देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को मजबूत करेगा। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जो समिति की प्रमुख हैं ने बताया कि विभिन्न धर्मों के विवाह अधिनियम, प्रचलित व्यक्तिगत कानून, विधि आयोग की रिपोर्ट और गैर-संहिताबद्ध मुद्दों का अध्ययन और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इस विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है, ड्राफ्ट प्रिंटिंग के लिए गया है और जल्द ही इसे सरकार को सौंप दिया जाएगा।
MadhyaBharat
1 July 2023
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