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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सोमवार को पार्टी के कार्याध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, सांसद सुनील तटकरे सहित पार्टी से अलग हुए नौ विधायकों को निलंबित कर दिया है। इसी बीच राकांपा के कार्याध्यक्ष पटेल ने दावा किया कि वे ही पार्टी हैं और उन पर कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता है।
प्रफुल्ल पटेल ने सोमवार को सांसद सुनील तटकरे को राकांपा का महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही अजीत पवार को विधानमंडल का नेता और अनिल पाटिल को चीफ व्हिप घोषित किया है। पटेल और अजीत ने संयुक्त रूप से कहा कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ही हैं।
इसके बाद राकांपा नेता जीतेंद्र आव्हाड ने पत्रकारों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के मामले में जो निर्णय दिया है, वह ऐतिहासिक है। इस निर्णय में साफ कहा गया है कि विधायक दल का नेता, चीफ व्हिप, प्रदेश अध्यक्ष आदि नियक्त करने का सर्वाधिकार पार्टी के अध्यक्ष के पास ही है। राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को बताए बिना नौ विधायकों ने पार्टी विरोधी काम किया है। साथ ही दो लोगों ने इन लोगों को पार्टी विरोधी काम करने के लिए प्रेरित किया। इसी वजह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर ही दो सांसदों सहित नौ विधायकों को पार्टी से निलंबित किया गया है। आव्हाड ने कहा कि एक तरह यह लोग शरद पवार को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे हैं, लेकिन यह लोग शरद पवार के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। आव्हाड ने कहा कि शरद पवार के कहने पर ही जयंत पाटिल को पार्टी का महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है और अजीत पवार के इस्तीफे के बाद रिक्त हुए विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पर उनकी नियुक्ति की गई है।
राकांपा में हुई फूट के बाद सोमवार को पार्टी के विधायकों में संभ्रम देखने को मिला है। कई विधायकों ने कहा कि 5 जुलाई को होने वाली पार्टी की बैठक के बाद वे अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे।
MadhyaBharat
3 July 2023
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