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मुंबई। शिवसेना (उ.बा.ठा.) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने घर से काम किया, लेकिन किसी का घर नहीं फोड़ा। जितना काम घर बैठकर किया उतना काम अब लोग घर-घर घूमकर नहीं कर पा रहे हैं। उद्धव का यह बयान देवेंद्र फडणवीस के उस बयान का पलटवार माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री रहते उद्धव ठाकरे सीएमओ के बजाए घर से काम करने को तरजीह देते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने अमरावती में कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि इस समय राजनीति में घर फोड़ने, घर बर्बाद करने का काम शुरू है। पहले पार्टी फोड़ी जाती थी, अब पार्टी ही चुराई जा रही है। जिसे भ्रष्ट कहा जाता है, उसे ही अपनी पार्टी में शामिल किया जा रहा है। इस समय बैलट बाक्स से सरकार नहीं बन रही है, बल्कि चुने हुए विधायकों को खरीदकर सरकार बनाई जा रही है। स्थिति गंभीर है, इसे बदलना जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते विपक्षी नेताओं को झूठे आरोप लगाकर बदनाम किया जा रहा है। परिवार के सदस्यों की बदनामी की जा रही है। अगर इस तरह का काम करने वालों के खिलाफ बोलना शुरू करो तो उन्हें नागवार गुजरता है।
उद्धव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग अब राजनीतिक दलों का नामकरण करने लगा है। जबकि चुनाव आयोग का काम किसी भी राजनीतिक दल का नाम रखने का नहीं है। शिवसेना का नामकरण उनके दादाजी और पिताजी ने किया था, लेकिन चुनाव आयोग गलत काम कर रहा है। चुनाव आयोग का काम चिह्न देना है, उसे अपना काम करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे बीमार थे, उस समय यह लोग उनके पीछे साजिश करने में लगे हुए थे। कोरोना काल में उनके काम की तारीफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की गई, लेकिन कुछ लोगों को इसमें भ्रष्टाचार दिख रहा है और जांच चल रही है। अगर हिम्मत है तो सभी राज्यों में कोरोना काल में हुए काम की जांच करवाएं। साथ ही पीएम केयर फंड की भी जांच करवाएं।
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