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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए 19 जिलों के 696 मतदान केंद्रों पर सोमवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पुनर्मतदान शांतिपूर्ण रहा। पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग के अनुसार दोपहर एक बजे तक औसतन 30.54 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। मतगणना मंगलवार को सुबह 08 बजे से शुरू होगी।
नादिया जिले में ग्रामीणों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर सुबह मतदान करने से रोके जाने के बाद विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कें अवरुद्ध कर दीं। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने तृणमूल कांग्रेस के एक युवा नेता की जमकर पिटाई की और उनकी मोटरसाइकिल में तोड़फोड़ की। बाद में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
सुबह मतदान की शुरुआत में ही तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता मोइदुल शेख के मौत की खबर आई। वह मुर्शिदाबाद का रहने वाला था। कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में उसने दम तोड़ा। शनिवार को मतदान वाले दिन बम के हमले में वह घायल हुआ था। इसके अलावा नदिया जिले में मतदान केंद्र की लाइन में एक अधेड़ शख्स की गर्मी की वजह से मौत हो गई।
कूचबिहार के दिन हटा में आपराधिक तत्व मतदान को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें चारों तरफ से घेरकर बीएसएफ जवानों ने पकड़ लिया और लाठीचार्ज कर भगाया। नादिया के नकाशीपारा में एक सीपीआई (एम) कार्यकर्ता अपनी पार्टी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान गोली लगने से घायल हो गया। उनका इलाज कोलकाता के एक स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
इसी तरह कूचबिहार जिले के दिनहाटा में भी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई। कुछ देसी बम फेंके गए। पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल के जवानों ने तुरंत स्थिति पर नियंत्रण कर लिया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार जैसे ही दक्षिण दिनाजपुर जिले के गंगारामपुर पहुंचे, उन्हें तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। मजूमदार करीब 40 मिनट तक वहां फंसे रहे और बाद में पुलिस ने उन्हें सुरक्षित निकाला।
हावड़ा के डोमजूर इलाके के अंकुरहाटी में कथित तौर पर सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार शेख सुल्ताना के वाहन को तोड़ दिया।
पूर्व बर्दवान, दक्षिण 24 परगना से छिटपुट हिंसा की खबरें आईं। हालाकि, अब तक आ रही हिंसा की रिपोर्ट शनिवार को मतदान के दिन की तुलना में नगण्य थी। शनिवार को मतदान के दौरान कम से कम 16 लोगों की मौत हुई थी।
इधर पुनर्मतदान को आई वास करार देते हुए नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर हमला बोला। अधीर ने इस संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका लगाकर चुनावी हिंसा की किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को वित्तीय मुआवजा और घायलों को बेहतर चिकित्सा की अर्जी लगाई। कोर्ट ने इसे स्वीकार किया है और घायलों को तत्काल बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने को कहा। इसके साथ ही बाकी दो मांगों को लेकर भी राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
शुभेंदु अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि 18 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर धांधली के साक्ष्य हैं। कोर्ट को छह हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर आगजनी तोड़फोड़ और हिंसा के साक्ष्य देकर पुनर्मतदान की मांग की गई थी, लेकिन तृणमूल और आईपैक (प्रशांत किशोर की संस्था) की ओर से उल्लेखित मतदान केंद्रों पर ही पुनर्मतदान कराया गया। उन्होंने राज्य के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को एक बार फिर ममता बनर्जी का मोहरा करार दिया और कहा कि वह अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर रहे हैं बल्कि आईएएस अधिकारी संजय बंसल और तृणमूल कांग्रेस जितना कह रही है उतना ही कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि वह साक्ष्यों के साथ कोलकाता हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में 73 हजार से अधिक सीटों पर दो लाख से अधिक उम्मीदवार हैं। इन सभी की किस्मत मतपेटियों में बंद हो गई। मतगणना 11 जुलाई को सुबह 08 बजे से शुरू होगी।
MadhyaBharat
10 July 2023
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