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गोपेश्वर। उत्तराखंड में भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र के नीती घाटी में मलारी सुमना क्षेत्र में रविवार को एक बार फिर से ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आयी है। ग्लेशियर टूटने से गिरथी नदी का जल स्तर बढ़ गया है और सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल खतरे की जद में आ गया है। हालांकि आपदा परिचालन केंद्र का कहना है कि क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना सामान्य है।
रविवार को एक बार फिर से नीती घाटी क्षेत्र के मलारी सुमना क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है, जिससे मलारी से आठ किलोमीटर आगे गिरथी नदी पर बना पुल खतरे की जद में आ गया है। यदि यह पुल बह जाता है तो एक बार फिर से घाटी के लोगों का मुख्यालय से संपर्क कट जायेगा।
गौरतलब है कि बीती 10 जुलाई की सांय को भी नीती घाटी के मलारी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ जाने से जुम्मा के पास सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल वास आउट हो गया था, जिससे कारण क्षेत्र के 15 से अधिक गांवों का संपर्क कट गया है। हालांकि शुक्रवार को यहां पर बीआरओ की ओर से अस्थाई पुल का निर्माण कर वाहनों की आवाजाही करवा दी गई है, लेकिन रविवार को एक बार फिर से ग्लेशियर टूटने से गिरथी नदी का जल स्तर बढ़ गया है और वहां पर बना पुल खतरे की जद में आ गया है।
इधर आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना सामान्य है। ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है, लेकिन इससे खतरे की कोई बात नहीं है।
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