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मुंबई। रायगढ़ के इरशालवाड़ी गांव में पहाड़ी धंसकने की घटना में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना के पीड़ितों को पक्का घर देने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया है। साथ ही जर्जर इमारतों और खतरनाक जगहों पर रहने वालों को भी सरकार दूसरी सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि रायगढ़ की घटना की जानकारी मिलते ही वे तत्काल मौके पर पहुंचे थे और वहां राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया था। सीएम शिंदे ने कहा कि इस घटना में अब तक 21 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में एक फायर ब्रिगेड का जवान भी शामिल है। इरशालवाड़ी गांव में साइकिल तक के जाने का रास्ता नहीं है। इसलिए यहां जेसीबी, पोकलेन नहीं जा सकती है। मौके पर फावड़े और कुदाल से ही मलबा हटाने का काम चल रहा है। यहां आज एक महिला जीवित अवस्था में निकाली गई है। एनडीआरएफ और सिडको कर्मी यहां मलबा हटाने का काम कर रहे हैं।
सीएम शिंदे ने कहा कि इरशाल वाड़ी के पीड़ितों को स्थानांतरित किए जाने का निर्णय आज कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। यह काम सिडको को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिडको के पास घर बनाने की क्षमता है, इसलिए पीड़ितों को बहुत जल्द पक्का घर मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी धंसकने वाले स्थानों को चिन्हित किया गया था, लेकिन इरशालवाड़ी उस लिस्ट में नहीं था। कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि इस तरह जो भी खतरनाक स्थल हैं, वहां से लोगों को तत्काल स्थानांतरित किया जाए। सीएम शिंदे ने कहा कि लोगों का जीवन कीमती है, इसलिए सरकार नियमों से ऊपर उठकर लोगों का जीवन बचाने के लिए काम करने वाली है।
MadhyaBharat
21 July 2023
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