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इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इंदौर में चल रही तीन दिवसीय जी-20 समिट के अंतिम दिन दिल्ली से वीडियो संदेश के जरिए संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इंदौर एक गौरवशाली व समृद्ध शहर है। मैं उम्मीद करता हूं कि आप यहां हर तरह का आनंद लेंगे। उन्होंने कहा कि जी-20 ग्रुप की यह बैठक आर्थिक और सामाजिक प्रभाव की दृष्टि से बहुत खास है।
इंदौर में 19 जुलाई से शुरू हुई जी-20 बैठक के तीसरे दिन शुक्रवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक शुरू हुई। कार्यक्रम में केन्द्रीय श्रम रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव के अलावा 26 देशों के मंत्री शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में शामिल हो रहे अलग-अलग देशों के मंत्रियों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।
उन्होंने इंदौर में पधारे अलग-अलग देशों के सभी मंत्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वाइब्रेंट शहर इंदौर में आपको अलग-अलग रंग देखकर अच्छा लगा होगा। इंदौर वह शहर है जो अपनी समृद्ध परंपराओं पर गर्व करता है। उन्होंने कहा कि आपका समूह और स्वच्छता के सबसे महत्वपूर्ण रोजगार पर आज चर्चा कर रहा है। रोजगार के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव को प्रभावी रूप से अपनाने के लिए हम तैयार हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीक के कारण रोजगार संबंधी चुनौतियां बढ़ी हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में तकनीक से जुड़े कई रोजगार भी विकसित हुए हैं। आज इंदौर में जहां आयोजन हो रहा है, वहां कई स्टार्टअप विकसित हुए हैं, जो एक बदलाव को बताता है।
उन्होंने मॉर्गन स्टेनली का हवाला देते हुए कहा कि भारत अगले 4-5 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। मैकिन्से के सीईओ ने घोषणा की है कि न केवल वर्तमान दशक बल्कि सदी भी भारत की है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली संस्थाओं और विश्वसनीय आवाजों को भारत पर अभूतपूर्व भरोसा है।
प्रधानमंत्री ने एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बैंक द्वारा किए गए सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि ज्यादातर इन्वेस्टर्स भारत में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। आज भारत को रिकॉर्ड तोड़ एफडीआई (फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट) मिल रहा है। यहां तक कि हमारे बीच आपकी उपस्थिति भी इसी भावना को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि भारत में स्किल इंडिया मिशन चल रहा है और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में आधुनिक 12.5 मिलियन युवा प्रशिक्षण पा रहे हैं। युवा उद्योगों की जरूरत के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट जैसे कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण पा रहे हैं। भारत में क्षमता है कि वह दुनिया को एक बड़ा वर्क फोर्स तैयार करके दे सके। आज जरूरत है कि सस्टेनेबल रोजगार के अवसरों को तैयार किया जाए। नियमित और पर्याप्त रोजगार के अवसर तैयार हो।
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