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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर भारत के साथ मिलकर काम करेगा अमेरिका
washington, America ,artificial intelligence

वाशिंगटन। अमेरिका ने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस पर भारत के साथ मिलकर काम करने की बात कही है। प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के साथ विचार-विमर्श में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की वैज्ञानिक सलाहकार आरती प्रभाकर ने इस क्षेत्र में जवाबदेही सुनिश्चित करने को कानून बनाने की बात भी कही।

आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में काम कर रही गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, मेटा सहित प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में प्रभाकर ने कहा कि अमेरिकी सरकार तकनीक की दिग्गज कंपनियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का गलत इस्तेमाल न हो। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक तकनीक का दौर है और तकनीक हर किसी की जिंदगी को प्रभावित कर रही है। ऐसे में हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत सहित समान सोच वाले देशों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के क्षेत्र में काम किया जाए।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल ही में हुई अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए प्रभाकर ने कहा कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर बात हुई। अन्य वैश्विक नेता भी जब राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलते हैं, तो उनके दिमाग में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का मुद्दा होता है। जब प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था, तब भी उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर बात की थी।

प्रभाकर ने कहा कि हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि कंपनियों को जवाबदेह ठहराया जाए और इसके लिए कानून बनाने की भी तैयारी की जा रही है। इससे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नुकसानों से निपटने की हमारी क्षमता में इजाफा होगा। हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को सुरक्षित और विश्वासपात्र बनाना चाहते हैं ताकि यह लोगों की बेहतरी में इस्तेमाल हो सके। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक से धोखाधड़ी आसान हो गई है। साइबर अपराध बढ़ रहे हैं और समय के साथ ये बढ़ते जाएंगे। ऐसे में हम आर्टिफिशियल तकनीक के नुकसानों को रोकने और इससे होने वाले फायदों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

MadhyaBharat 22 July 2023

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