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वाराणसी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शुरू हो गया। एएसआई की टीम आधुनिक उपकरणों के साथ सर्वे कर रही है। पूरे परिसर का नक्शा शीट पर उतारा गया है।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी के अनुसार सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद समिति के लोग उपस्थित नही है। अंजुमन इंतजामिया के अधिवक्ताओं का कहना है- ' हमने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे आदेश के खिलाफ अपील की थी। उसकी आज सुनवाई होनी है। इसकी जानकारी बनारस के अधिकारियों को दी गई है। हमारा अनुरोध था कि शीर्ष अदालत के आदेश तक सर्वे को रोका जाए।
उल्लेखनीय है कि जिला जज की अदालत के आदेश पर 24 जुलाई को एएसआई ने सील वुजूखाना को छोड़कर सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू किया था। इसी बीच मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था। लगभग पांच घंटे सर्वे चलने के बाद रुक गया था। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद गुरुवार की सुबह जिला जज की अदालत के एएसआई सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया ।
सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की 20 सदस्यीय टीम के अलावा हिंदू पक्ष की चार वादिनी महिला, उनके चार अधिवक्ता मौजूद हैं। इसके अलावा जिला शासकीय अधिवक्ता, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अधिवक्ता, एडीएम सिटी और एक अपर पुलिस आयुक्त मौजूद हैं। सर्वे में खुदाई नहीं होगी। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार (जीपीआर) तकनीक का इस्तेमाल टीम करेगी। इसमें रेडियो वेव की फ्रीक्वेंसी के जरिये पता चल जाता है कि जमीन या दीवार के अंदर क्या है। इसके अलावा कार्बन डेटिंग पद्धति से भी साक्ष्यों की जांच होगी। दीवारों, नींव, मिट्टी में रंग परिवर्तन की भी टीम जांच करेगी।
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