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नई दिल्ली। लोकसभा में इंडिया घटक दलों के सांसदों ने मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर केन्द्र सरकार की जमकर आलोचना की।अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंगलवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद टीआर बालू ने कहा कि मणिपुर में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है। यहां हिंसा में 143 लोग मारे गए और 65,000 लोगों को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। महिलाओं के साथ बदसलूकी हुई लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इतनी बड़ी घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
तृणमूल कांग्रेस से सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह सरकार पश्चिम बंगाल में तो प्रतिनिधि मंडल भेज देती है लेकिन मणिपुर में इन्होंने कोई प्रतिनिधि मंडल नहीं भेजा। मोदी सरकार को मणिपुर के लोगों की कोई चिंता नहीं है।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने चर्चा के दौरान कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत पद से हटा देना चाहिए। वहां महिलाओं के साथ दुराचार हुआ। राज्य जलता रहा और मुख्यमंत्री से कोई सवाल नहीं पूछा गया। उन्हें तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर यह सरकार असंवेदनशील है। वहां मानवाधिकार का उल्लंघन होता रहा है और सरकार चुप रही। यह एक राज्य-प्रायोजित जातीय हिंसा थी।
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