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देहरादून। उत्तराखंड में मानसून सीजन में अतिवृष्टि से 650 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अभी आगे और बढ़ोतरी हो सकती है। केन्द्र सरकार की टीम राज्य में तीन दिन तक कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर लौट गई है। केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा की राशि तय की जाएगी।
हर्ष गुप्ता (आईएएस) संयुक्त सचिव एनडीएमए भारत सरकार की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय आईएमसीटी टीम जिला हरिद्वार के आपदा प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर आई थी। केंद्रीय टीम ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए तीन दिन हरिद्वार आपदा प्रभावित कई क्षेत्रों में कृषि व अन्य नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। यह टीम केन्द्र सरकार को नुकसान की रिपोर्ट सौपेंगी। उसी के आधार पर उत्तराखंड को डिजास्टर रिलीफ फंड जारी किया जाएगा।
आपदा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पहले नुकसान का आकलन मौसम समाप्त होने पर होता था, लेकिन अब मौसम के बीच में नुकसान की एक विस्तृत आकलन रिपोर्ट के साथ तैयार की जा रही है। यह कार्य पहली बार हो रहा है। पिछले दिनों तक 650 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हुई है। आगे और भी नुकसान में बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एक नुकसान का मेमो भेजेंगे। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ से नुकसान की कितनी भरपाई हो सकती है। इसके अलावा क्षति को पूरा करने के लिए केन्द्र से सहयोग के लिए मेमो भेज कर मांग की जाएगी।
केंद्रीय टीम के दौरे को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार की टीम ने पूरे तीन दिन तक उत्तराखंड में रहकर आपदा से हुए नुकसान के क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार में कृषि सहित अन्य नुकसान की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान एक प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की गई है जो कि केन्द्र और राज्य दोनों को साझा की गई। यही टीम अपनी रिपोर्ट को केन्द्र सरकार को सौपेंगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा राशि देने की आगे की कार्रवाई की जाएगी।
MadhyaBharat
13 August 2023
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