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नई दिल्ली। हेट स्पीच मामले को लेकर सीपीएम नेता नेता बृंदा करात और केएम तिवारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। बृंदा करात और केएम तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर हेट स्पीच मामले में पक्षकार बनने की मांग करते हुए कहा है कि वह इस मामले में अपना पक्ष रखना चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नेता सार्वजनिक बैठकों में हिंदू धर्म के नाम पर लोगों को मुसलमानों के खिलाफ भड़का रहे हैं। साथ ही उनके द्वारा मुसलमानों के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की लगातार मांग की जा रही है। याचिका में दिल्ली में नांगलोई थाने के बाहर हुई हेट स्पीच का जिक्र किया गया है। इसके अलावा दिल्ली के 22 स्थानों पर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के प्रदर्शनों का भी जिक्र किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में दोनों संगठनों के प्रदर्शन में मुसलमानों के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की अपील की गई। इन प्रदर्शनों में दिए गए भाषण भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी, 295बी, 295ए, 505 के तहत अपराध की श्रेणी में आते हैं। याचिका में कहा गया है कि इन प्रदर्शनों के दौरान हेट स्पीच पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
गौरतलब है कि 11 अगस्त को नूंह हिंसा पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गुरुग्राम में महापंचायत में मुसलमानों के बहिष्कार की घोषणा किसी भी तरह अस्वीकार्य है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों, ऐसा मेकानिज्म बनाना जरूरी है। इस मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई होने वाली है।
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