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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दर्ज मानहानि मामले में आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को करने का आदेश दिया।
19 अगस्त को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस जज ने गहलोत को मिली अंतरिम राहत यानी कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेश होने की छूट 16 सितंबर तक बढ़ा दी थी।
6 जुलाई को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर अशोक गहलोत को समन जारी किया था। कोर्ट ने गहलोत को 7 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के इसी आदेश को गहलोत ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है। सेशंस कोर्ट ने 6 अगस्त को गहलोत को कोई भी राहत नहीं दी थी और एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने की इजाजत दी थी। इस आदेश के बाद 7 अगस्त को भी गहलोत एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे।
दिल्ली पुलिस ने 25 मई को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी। इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है। शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने उन्हें आरोपित नहीं माना, उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए।
याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को। एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है। गहलोत ने अपने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए।
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़ कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उस सोसायटी में जमाकर्ता है।
MadhyaBharat
21 August 2023
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