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मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि मराठा आरक्षण के लिए राज्य सरकार सकारात्मक है। मराठा आरक्षण की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लिये जाएंगे। इसी तरह कुनबी जाति प्रमाणपत्र के लिए राज्य सरकार ने समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जालना में हुए लाठीचार्ज के लिए वे माफी मांगते हैं। फडणवीस ने कहा कि लाठीचार्ज का आदेश देने का अधिकार उस क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक और उप अधीक्षक को ही रहता है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को सह्याद्रि गेस्ट हाउस में मराठा समाज की मांगों को लेकर बैठक आयोजित की थी। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि जालना में अनशन कर रहे मनोज जारंगे से उन्होंने खुद चर्चा की थी। उनके स्वास्थ्य को लेकर हम चिंतित थे लेकिन इसके बाद वहां लाठीचार्ज हुआ। इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक को छुट्टी पर भेज दिया गया है। उप जिला पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है। इस मामले की छानबीन अतिरिक्त पुलिस महा संचालक संजय सक्सेना कर रहे हैं। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मराठा समाज की कुनबी प्रमाण पत्र की मांग को लेकर आज बैठक में चर्चा की गई। इसकी छानबीन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति एक माह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद राज्य सरकार आवश्यक निर्णय लेगी। सीएम शिंदे ने मराठा समाज से शांति की अपील की है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जालना में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। जब मैं मुख्यमंत्री था तो दो हजार से अधिक आंदोलन हुए थे लेकिन कहीं बल प्रयोग नहीं किया गया। इस लाठीचार्ज मामले में पीडि़त लोगों से माफी मांगता हूं। देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मामले पर राजनीति ठीक नहीं है। कुछ पार्टियां ऐसा ही कर रही हैं। लाठीचार्ज का आदेश एसपी और डीएसपी के स्तर का है।
अजीत पवार ने कहा कि इस घटना के बाद कुछ लोग कह रहे हैं कि लाठीचार्ज का आदेश मंत्रालय से दिया गया था। आरोप लगाने वाले इस आरोप को साबित करें, अगर साबित हो गया तो हम राजनीति छोड़ देंगे। अगर आरोप साबित नहीं हुआ तो आरोप लगाने वाले राजनीति छोड़ें। अजीत पवार ने मराठा समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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