Since: 23-09-2009

  Latest News :
केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल करेगा ईडी.   लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मोस्ट वांटेड शूटर जयप्रकाश गिरफ्तार.   प्रियंका गांधी बोलीं- हमारी सरकार आई तो किसान कर्जमाफी के लिए बनेगा स्थायी आयोग.   अधीर चौधरी ने कहा चुनाव हारा तो राजनीति छोड़ दूंगा.   एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 30 सीनियर क्रू-मेंबर्स को बर्खास्त किया.   पित्रोदा का बयान विपक्षी गठबंधन को अस्वीकार.   महापौर के विरुद्ध लगाई गई चुनावी याचिका खारिज.   मुख्यमंत्री डॉ यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने गोविंद मालू के निधन पर जताया दुख.   सब इंस्पेक्टर के पैर में लगी गोली.   आरजीपीवी घोटाले में नया खुलासा.   धार में बोले नरेन्द्र मोदी- बाबा साहेब आम्बेडकर से घोर नफरत करती है कांग्रेस.   बारातियों से भरी बोलेरो और ट्रक की भीषण टक्कर में दो की मौत.   छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 57 सिविल जजों का किया तबादला.   महादेव सट्टा मामले में ईओडब्ल्यू ने प्रदेश के कई शहरों में दी दबिश.   सीजी बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित.   तेज रफ्तार अनियंत्रित बोलेरो पलटी एक की माौत.   जनता की सेवा के लिए रहें हमेशा तत्पर: हरिचंदन.   नए सत्र से ”न्योता भोजन” योजना बनेगी और अधिक प्रभावी.  
मराठा आरक्षण: सरकार के शासनादेश में बदलाव के लिए अड़े मनोज जारंगे
mumbai, Maratha Reservation, Manoj Jarange

मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे ने राज्य सरकार की ओर से जारी शासनादेश में बदलाव करने की मांग की है। मनोज जारंगे ने गुरुवार को कहा कि जब तक राज्य सरकार शासनादेश में बदलाव नहीं करती, तब तक भूख हड़ताल आंदोलन जारी रहेगा।

 

मनोज जारंगे ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि निजामकालीन वंशावली दस्तावेज को देखकर कुनबी प्रमाणपत्र दिए जाएंगे लेकिन मराठा समाज के अधिकांश लोगों के पास निजामकालीन वंशावली दस्तावेज नहीं हैं। इससे मराठा समाज को राज्य सरकार के शासनादेश से कोई लाभ नहीं होगा। मनोज जारंगे ने बताया कि राज्य सरकार को निजामकालीन वंशावली दस्तावेज की बजाय सभी मराठा शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे मराठा समाज की समस्या हल हो जाएगी। मनोज जारंगे ने कहा कि उनका भूख हड़ताल आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा है। वे दो दिन और इंतजार करने को तैयार हैं। पहले सरकार शासनादेश में बदलाव करे, उसके बाद ही वे अपनी भूख हड़ताल का आंदोलन वापस लेंगे।

 

उल्लेखनीय है कि बुधवार को मुख्यमंत्री ने निजामकालीन वंशावली दस्तावेज को देखकर मराठा समाज को कुनबी प्रमाणपत्र देने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया था। उस समय भी जारंगे पाटिल ने कहा था कि वे शासनादेश को देखकर ही निर्णय लेंगे। आज मनोज जारंगे ने इस शासनादेश में बदलाव की मांग की है।

MadhyaBharat 7 September 2023

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.