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नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के जनगणना नहीं कराने से अनुमानित रूप से 14 करोड़ भारतीयों को उनके भोजन के अधिकार से वंचित कर दिया गया है।
एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक वक्तव्य जारी किया है। इसमें मांग की गई है कि इन 14 करोड़ भारतीयों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना बंद करते हुए जनगणना होने तक लाभार्थी कोटा बढ़ाया जाए। केन्द्र सरकार एक अपडेटेड राष्ट्रीय जाति जनगणना कराए और राज्यों के स्तर पर हो रहे जाति जनगणना के प्रयासों का विरोध करना बंद करें।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना कराने में विफल रही है। इंडोनेशिया, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे अन्य विकासशील देश सहित, लगभग हर दूसरे जी20 देश कोविड-19 के बावजूद जनगणना कराने में कामयाब रहे हैं।
यूपीए सरकार ने ऐतिहासिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए ) लागू किया था। एनएफएसए के तहत, 67 प्रतिशत भारतीय भोजन के लिए राशन के हकदार हैं। मोदी सरकार 2021 में जनगणना कराने में विफल रही है। इसके चलते 2011 की जनगणना के आधार पर केवल 81 करोड़ लोगों को एनएफएसए कवरेज दी जा रही है। हालांकि, जनसंख्या के मौजूदा अनुमान के अनुसार, 95 करोड़ भारतीय एनएफएसए कवरेज के हकदार हैं।
रमेश ने कहा कि मोदी सरकार न केवल जनगणना कराने में विफल रही है, बल्कि इसने 2011 में यूपीए सरकार द्वारा कराई गई सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना को भी दबा दिया है। साथ ही सरकार सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के राज्य-स्तरीय जाति जनगणना के प्रयास का भी विरोध किया। आबादी की गिनती, वर्गीकरण और ओबीसी की बहुसंख्यक आबादी के स्पष्ट विवरण के बिना सभी भारतीयों के लिए पर्याप्त विकास और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना असंभव है।
MadhyaBharat
8 September 2023
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