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चेन्नई। पिछले कई दिनों से सनातन धर्म मुद्दे पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच बढ़ते तनाव के बीच जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का शामिल होना चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधियों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को एक रात्रिभोज का आयोजन किया था। कांग्रेस शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों ने इस रात्रिभोज में शामिल न होने का फैसला किया था। इनका आरोप है कि कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को रात्रिभोज में आमंत्रित नहीं किया गया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी विदेश में होने के कारण इस रात्रिभोज में शामिल नहीं हो सके। इसके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव ने आधिकारिक निमंत्रण के बावजूद जी-20 के रात्रिभोज से दूर रहने का फैसला किया था। ऐसे में दक्षिण भारत के राज्यों में अकेले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का इस भोज में शामिल होना चर्चा का विषय बना हुआ है। वह भी जब सनातन धर्म पर स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की एक टिप्पणी के बाद डीएमके और भाजपा में ठनी हुई है। खास बात यह भी कि विपक्ष के भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आईएनडीआईए) में स्टालिन की डीएमके भागीदार है।
नए कन्वेंशन सेंटर, भारत मंडपम में रात्रिभोज में भाग लेने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के ट्विटर पर जी-20 के रात्रिभोज का एक फोटो भी अपलोड किया है। इस फोटो में स्टालिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से हाथ मिलाते और उनके बगल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खड़े हैं। स्टालिन के इस कार्यक्रम में शामिल होने से राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
MadhyaBharat
10 September 2023
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