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शिमला। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से व्यापक नुकसान को देखते हुए केन्द्र सरकार को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए। हिमाचल में तबाही को देखते हुए कांग्रेस हिमाचल के इस मुद्दे को संसद में उठाएगी। इस विकट परिस्थिति में राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सभी को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शहर के शिव बावड़ी मंदिर, कृष्णानगर और कनलोग स्थित आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री और प्रियंका गांधी ने शिव बावड़ी हादसा के पीड़ितों के परिजनों से बातचीत कर अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त कीं। यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते प्रियंका ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित प्रदेश विकट स्थिति गुजर रहा है और राज्य में भारी क्षति हुई है। मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए दिन-रात अथक प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ पा रही है। प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को भारी क्षति हुई है और इस समय राज्य सरकार को स्थितियां सामान्य करने के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग की आवश्यकता है। इसलिए केंद्र सरकार को राजनीतिक भेदभाव से दूर रह कर इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य के लोगों की उदारतापूर्वक मदद करनी चाहिए। हिमाचल में तबाही को देखते हुए कांग्रेस हिमाचल के इस मुद्दे को संसद में उठाएगी। उन्होंने कहा कि केवल पार्टी आधार पर मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। केन्द्र सरकार को कुछ अहम मामलों का संवेदनशीलता के साथ समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी से निपटने के लिए हर क्षेत्र से लोग अपना मूल्यवान योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले में सड़कों को पुनः बहाल करने के लिए महिलाओं के साथ-साथ अनेक लोग निःस्वार्थ भाव से श्रमदान कर रहे हैं। लोगों के इस निःस्वार्थ योगदान को देखकर उन्हें खुशी हुई है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि अमेरिका से आयातित सेब पर शुल्क 35 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करना स्थानीय बागवानों को प्रभावित करेगा। तबाही के कारण कठिनाइयों से गुजर रहे प्रदेश के बागवानों के हितों की रक्षा करने के बजाय केंद्र सरकार अमेरिका की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि बड़े व्यापारिक घराने हिमाचल प्रदेश में सेब की उपज की खरीद कम कीमतों पर कर रहे हैं, जिससे बागवानों को नुकसान हो रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावित परिवारों को पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है और राहत शिविरों में रहने वाले प्रभावित परिवारों को निश्चित किराया देने का निर्णय लिया है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में राहत शिविरों में अस्थाई तौर पर रह रहे परिवारों को आवास किराए पर लेने के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह और शहरी क्षेत्रों में राहत शिविरों में रह रहे परिवारों को दस हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
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