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नई दिल्ली। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार से संसद के विशेष सत्र का एजेंडा साझा करने की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि आज 13 सितंबर है। संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज से पांच दिन बाद शुरू होगा। अभी एक दो लोगों को छोड़कर किसी को पता नहीं है कि विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? जबकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इससे पहले प्रत्येक अवसर पर, जब विशेष सत्र या विशेष बैठकें आयोजित की जाती थीं, तो कार्य सूची पहले से तय होती थी।
रमेश ने कहा कि 26 नवंबर, 2019 को संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सेंट्रल हॉल में विशेष बैठक बुलाई गई, 30 जून, 2017 को जीएसटी लागू करने के लिए आधी रात को सेंट्रल हॉल में संयुक्त विशेष सत्र बुलाया गया। 26 और 27 नवंबर, 2015 को संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक हुई।
रमेश ने कहा कि 13 मई, 2012 को राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक हुई। 22 जुलाई, 2008 को वामपंथी पार्टियों द्वारा यूपीए-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए लोकसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि 26 अगस्त, 1997 से 01 सितंबर, 1997 तक - भारत की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष सत्र का आयोजन हुआ था। 03 जून, 1991 से 04 जून, 1991 तक - अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए राज्य सभा का दो दिनों का (158वां सत्र) विशेष सत्र बुलाया गया था। 28 फ़रवरी, 1977 से 1 मार्च, 1997 तक - अनुच्छेद 356(4) के दूसरे प्रावधान के तहत तमिलनाडु और नगालैंड में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए दो दिनों का राज्यसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।
MadhyaBharat
13 September 2023
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