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नई दिल्ली। नई संसद में पहले दिन लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 यानी महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। विधेयक को पेश किए जाने से पूर्व ही प्रधानमंत्री ने सभी दलों से आग्रह किया कि वे विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने में सहयोग दें।
विधेयक को केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। यह संविधान का 128वां संशोधन विधेयक होगा। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 330ए, 332, 334ए में बदलाव किया जाएगा। विधेयक के पारित होने पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्ष दिया जाएगा। मेघवाल ने कहा कि विधेयक के अधिनियम बनने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या न्यूनतम 181 हो जाएगी। वर्तमान में लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं।
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को पहले भी लाने का प्रयास किया गया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर महिला आरक्षण विधेयक लाया गया है। विधेयक में संविधान संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, लोकसभा और राज्य विधानसभा में आरक्षण संबंधित प्रावधानों में बदलाव किया जाएगा। साथ ही इसे 15 साल के लिए लाया जाएगा जिसका समय आगे बढ़ाया जा सकता है।
विधेयक को पुरःस्थापित करते समय विपक्षी सांसदों की ओर से विधेयक की प्रति प्राप्त नहीं होने का मुद्दा उठाया गया। अध्यक्ष ने सदस्यों से अपने डिजिटल मोनिटर में विधेयक की प्रति देखने को कहा। वहीं संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने कहा कि संशोधित कार्यसूची भी सभी सदस्यों को भेज दी गई थी।
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने राज्य सभा में महिला आरक्षण का मुद्दा उठाया। वहीं विपक्षी सदस्यों ने विधेयक पेश करने से जुड़ी प्रक्रिया ठीक से नहीं उठाने के मुद्दे पर शोर-शराबा किया। विधेयक को ध्वनिमत से पेश करने की अनुमति दी गई लेकिन विपक्ष की ओर से इसके पक्ष में अवाज नहीं उठाई गई। विधेयक पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
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