Since: 23-09-2009
नई दिल्ली। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईडीएमके) भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबधन (एनडीए) से अलग हो गया है। पार्टी का यह भी कहना है कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में एक अलग मोर्चे का नेतृत्व करेगा।
पार्टी पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों की परामर्श बैठक में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया। करीब एक घंटे तक चली बैठक की अध्यक्षता महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने की। प्रस्ताव में भले ही भाजपा के किसी नेता का नाम नहीं था लेकिन इशारा स्पष्ट रूप से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई की ओर था।
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई बार-बार एआईएडीएमके नेताओं के खिलाफ टिप्पणी कर रह थे। इसके चलते अन्नाद्रमुक और भाजपा का रिश्ता पिछले एक महीने से तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा था। इस विषय पर के. पलानीस्वामी ने 14 सितंबर को अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद एआईएडीएमके का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भी आया था। प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और भाजपा नेता पीयूष गोयल के साथ गठबंधन के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया था।
पार्टी की ओर से जारी आज जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि भाजपा का प्रदेश नेतृत्व पिछले एक साल से व्यवस्थित रूप से जानबूझकर अन्नाद्रमुक नेता पेरेरिंजर अन्ना (पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई) और अम्मा (जयललिता) को बदनाम कर रहा है। साथ ही वे पार्टी की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।
इसके अलावा भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने 20 अगस्त को मदुरै में आयोजित ऐतिहासिक "अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम वीर इतिहास के स्वर्ण जयंती विद्रोह सम्मेलन" को कमतर आंका। साथ ही भाजपा नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी को बदनाम कर रहे हैं और इस कार्रवाई से पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रशासकों के बीच तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया है।
अन्नाद्रमुक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चेन्नई के रोयापेट्टा में अन्नाद्रमुक मुख्यालय पर पटाखे फोड़कर पार्टी द्वारा भाजपा के साथ अपने संबंध तोड़ने की घोषणा का जश्न मनाया।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |