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छोटा उदेपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को छोटा उदेपुर के बोडेली में आयोजित समारोह में जिले को 5206 करोड़ रुपये के प्रकल्पों की भेंट दी। इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आदिवासी जनता के विकास संबंधी कई योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने अपने प्रचारक जीवन के दौरान छोटा उदेपुर के प्रवासों के संस्मरण सुनाए। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय बाद बोडेली आए हैं, लेकिन पहले वे बारंबार और त्योहारों पर अक्सर बोडेली आते थे। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र किया और कहा कि इस पर देश की एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति की मुहर लगेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उमरगाम से अंबाजी तक आदिवासी पट्टा के विकास की भेंट देने का उन्हें मौका मिला है। गुजरात के 22 जिलों और साढ़े 7 हजार ग्राम पंचायतों में वाईफाई पहुंचने का काम आज पूरा हुआ है। इंटरनेट की उत्तम सुविधा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलने वाली है। छोटा उदेपुर, वडोदरा में बिताए अपने पुराने दिनों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले वे सामान्य कार्यकर्ता के रूप में बस से आते-जाते थे। लिंबडी, कालोल, हालोल यह उनका रूट था। बस में आते, सभी से मिलते, कार्यक्रम में शामिल होते और इसके बाद वापस लौट जाते थे। नारेश्वर भी वे अक्सर जाते थे। छोटा उदेपुर की परिस्थिति को उन्होंने बहुत नजदीक से देखा है। सरकार में आने के बाद उन्हें लगा कि इस आदिवासी पट्टी का विकास करना है। इसके लिए कई योजनाएं बनाई गईं। इसका लोगों को लाभ मिल रहा है। छोटा उदेपुर को देखकर ऐसा लगता है कि परिश्रम रंग लाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छे स्कूल व सड़कें बनी हैं। पानी की सुविधा मिलने लगी है। अच्छे मकान बने हैं। इतने कम समय में देशभर में 4 करोड़ से अधिक पक्का मकान बना दिए हैं। इसमें कोई बिचौलिया नहीं है। सीधे लोगों के खाता में पैसा जाता है। इस पैसे से लोगों को जैसा अच्छा लगता है, वे वैसा घर बनाते हैं। एक-एक घर डेढ़-डेढ़, दो-दो लाख रुपये में बना है। इसलिए हमारी गुजरात की लाखों बहनें अब लखपति दीदी बन गईं हैं। हमारे नाम का एक भी घर नहीं है, लेकिन देश की लाखों बेटियों के नाम घर कर दिया है। पानी के संकट को हमने चुनौती के रूप में लिया है। आज नल से जल आता है, ऐसी व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्किल डवलपमेंट का काम हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 2 लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए अभियान चलाया। पहले बालकों को स्कूल छोड़ना पड़ता था, लेकिन पिछले 2 दशक से शिक्षा और स्किल डवलपमेंट के कार्य पर विशेष ध्यान दिया गया। आदिवासी समाज के पट्टा में 5 नई मेडिकल कॉलेज खोले गए। आदिवासी गांवों में वनधन केन्द्र खोले गए हैं।
MadhyaBharat
27 September 2023
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