Since: 23-09-2009
नई दिल्ली। कृतज्ञ राष्ट्र आज (सोमवार) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दे रहा है। सुबह से ही राजघाट और विजयघाट पर दोनों के समाधि स्थलों पर पुष्पाजंलि अर्पित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर राजघाट और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 119वीं जयंती पर विजयघाट पहुंचकर भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने विजयघाट पहुंचकर लाल बहादुर शास्त्री को पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा-'गांधी जयंती के विशेष अवसर पर मैं महात्मा गांधी को नमन करता हूं। उनके कालजयी विचार हमारे पथ को आलोकित करते रहते हैं। महात्मा गांधी का प्रभाव वैश्विक है। हम सदैव उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करते रहेंगे।'
प्रधानमंत्री ने दूसरे संदेश में लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि उनकी सादगी, राष्ट्र के प्रति समर्पण और 'जय जवान, जय किसान' का प्रतिष्ठित आह्वान आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है। देश की प्रगति के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और चुनौतीपूर्ण समय में उनका नेतृत्व अनुकरणीय है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा-' समस्त नागरिकों की तरफ से मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। सत्य और अहिंसा संबंधी गांधी जी के आदर्शों ने विश्व के लिये एक नया मार्ग प्रशस्त किया। गांधी जी ने जीवन भर न केवल अहिंसा का पालन किया, बल्कि उन्होंने स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और किसानों के अधिकारों के लिये आवाज उठाई तथा अस्पृश्यता, सामाजिक भेदभाव व निरक्षरता के विरुद्ध संघर्ष किया।'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को बधाई दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा-'महात्मा गांधी के सत्य (सत्याग्रह) और अहिंसा के सिद्धांतों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष में मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। स्वतंत्रता और समानता के लिए उनके द्वारा किए गए निरंतर प्रयास न केवल भारत बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय के लिए एक न्यायपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज की स्थापना में प्रकाश स्तंभ की तरह हैं।'
MadhyaBharat
2 October 2023
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|