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भीलवाड़ा। उदयपुर से जयपुर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को सोमवार सुबह पटरी से उतारने की साजिश रची गई। षड़यंत्र के तहत ट्रैक पर पत्थर और लोहे के सरिए बिछाए गए थे, लेकिन लोको पायलट की सजगता से बड़ी दुर्घटना टल गई।
भीलवाड़ा से करीब चालीस किलोमीटर दूर चित्तौड़ जिले में सोनियाणा व गंगरार रेलवे स्टेशन के बीच अज्ञात बदमाशों ने पत्थर और लोहे की कील लगा कर ट्रेन को पलटाने का प्रयास किया। जानकारी मिलने पर तत्काल रेलवे सुरक्षा बल भीलवाड़ा की टीम मौके पर पहुंची। एक सप्ताह में ही यह दूसरा प्रयास है। इससे पहले ट्रेन का उद्घाटन होने के अगले ही दिन पथराव किया गया था। अब ट्रेन को पटरी से नीचे उतारने की साजिश रची गई।
वंदे भारत ट्रेन उदयपुर से सुबह सात बजकर पचास मिनट पर रवाना होकर चित्तौड़गढ़ पहुंची थी। यहां से करीब साढे नौ बजे भीलवाड़ा के लिए निकली थी। इस बीच रास्ते में सोनियाणा व गंगरार रेलवे स्टेशन के बीच लोको पायलट को पटरियों में कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई। लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन से उतरकर देखा तो करीब पचास फीट की पटरी पर पत्थर, कीले और सरिए पड़े दिखे। उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इस पर रेलवे सुरक्षा बल की टीम मौके पर पहुंची। पिछली बार पथराव की घटना मेवाड़ विश्वविद्यालय के सामने ही हुई थी। आज का घटनास्थल भी मेवाड़ यूनिवर्सिटी से ज्यादा दूर नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 24 सितंबर को हरी झंडी दिखा कर उदयपुर से जयपुर वंदे भारत ट्रेन को रवाना किया था। अगले ही दिन 25 सितम्बर को इस पर पथराव किया गया। इस पर रेलवे सुरक्षा बल भीलवाड़ा ने प्रकरण दर्ज किया था। सुरक्षा कारणों से रेलवे के अधिकारी इस संबंध में कुछ नहीं बोल रहे हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि क्षेत्र में ही रहने वाले कुछ शरारती लोगों ने इस तरीके की हरकत की है। मामले की रेलवे पुलिस जांच कर रही है।
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