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पटना। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) दिवंगत जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के मोक्ष की कामना लिए उनकी दोनों बेटियां शनिवार को गया पहुंची। उन्होंने पितृपक्ष मेला के आखिरी दिन पूरे विधि-विधान के साथ फल्गु नदी के तट पर पिंडदान किया। इस दौरान दोनों की आंखें नम हो गईं।
दोनों बेटियों कृतिका रावत और कुमारी तारिणी रावत के साथ मौके पर दिवंगत जनरल के भाई रिटायर्ड कर्नल विजय रावत, साले कुंवर यशवर्धन सिंह और सपना सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि 08 दिसंबर, 2021 को बिपिन रावत सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन जा रहे थे। रास्ते में तमिलनाडु के नीलगिरि में उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे में बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के लिए पिंडदान और तर्पण करने का विशेष महत्व होता है। खासकर बिहार की मोक्ष नगरी गया में पिंडदान करना बहुत ही अहम माना जाता है। 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान लाखों लोगों ने पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया।
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