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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘नमो भारत ट्रेन’ भविष्य के भारत की झलक है। इसमें आधुनिकता भी है और स्पीड भी है। ये ट्रेन नए भारत की नई यात्रा और उसके नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है। उन्होंने जनता से नई ट्रेनों का ध्यान रखने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत में क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के शुभारंभ का प्रतीक, साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ने वाली नमो भारत रैपिडएक्स ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। मोदी ने बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे के दो खंड राष्ट्र को समर्पित किए। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय रैपिड ट्रेन नमो भारत में यात्रा भी की।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज संपूर्ण देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि भारत की पहली रैपिड रेल सेवा, नमो भारत ट्रेन लोगों को समर्पित की जा रही है। उन्होंने चार साल पहले दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की आधारशिला रखने को याद किया और आज साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक इसके संचालन को चिह्नित किया। उन्होंने उन परियोजनाओं का उद्घाटन करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई जिनकी आधारशिला रखी गई है और विश्वास व्यक्त किया कि वह डेढ़ साल बाद आरआरटीएस के मेरठ खंड के पूरा होने का उद्घाटन करने के लिए उपस्थित होंगे। प्रधानमंत्री ने नवरात्रि के अवसर का जिक्र करते हुए कहा, "नमो भारत देश में सशक्त महिला शक्ति का प्रतीक है।"
प्रधानमंत्री ने अपना विश्वास दोहराया कि भारत का विकास राज्यों के विकास में निहित है। उन्होंने कहा कि मेट्रो के दो हिस्से बेंगलुरु के आईटी हब में कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन करीब 8 लाख यात्री मेट्रो से यात्रा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ''21वीं सदी का भारत हर क्षेत्र में प्रगति और विकास की अपनी गाथा लिख रहा है।'' उन्होंने चंद्रयान 3 की हालिया सफलता का उल्लेख किया और जी20 के सफल आयोजन का भी जिक्र किया जिसने भारत को पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया है। उन्होंने एशियाई खेलों में सौ से अधिक पदक जीतने के रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन, भारत में 5जी के लॉन्च और विस्तार और रिकॉर्ड संख्या में डिजिटल लेनदेन का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में निर्मित टीकों का भी उल्लेख किया जो दुनिया के करोड़ों लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित हुए। विनिर्माण क्षेत्र में भारत की वृद्धि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत में मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप और कंप्यूटर के लिए विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उत्सुकता के बारे में बात की। उन्होंने लड़ाकू विमानों और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत सहित रक्षा विनिर्माण पर भी बात की। मोदी ने कहा कि नमो भारत ट्रेन भी मेड इन इंडिया है। प्लेटफार्मों पर लगाए गए स्क्रीन दरवाजे भी भारत में बने हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नमो भारत ट्रेन में शोर का स्तर हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज की तुलना में कम है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नमो भारत भविष्य के भारत की एक झलक है और बढ़ती आर्थिक ताकत के साथ राष्ट्र के परिवर्तन का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-मेरठ का यह 80 किलोमीटर का हिस्सा सिर्फ शुरुआत है क्योंकि पहले चरण में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कई इलाके नमो भारत ट्रेन से जुड़ेंगे। मोदी ने बताया कि आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में भी कनेक्टिविटी सुधारने और रोजगार के नए रास्ते बनाने के लिए इसी तरह की व्यवस्था बनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा सदी का ये तीसरा दशक भारतीय रेलवे के बदलाव का दशक है। मोदी ने कहा, “मुझे छोटे-छोटे सपने देखने और धीरे-धीरे चलने की आदत नहीं है। मैं आज की युवा पीढ़ी को गारंटी देना चाहता हूं कि इस दशक के अंत तक आपको भारतीय ट्रेनें दुनिया में किसी से कम नहीं मिलेंगी। उन्होंने कहा, "अमृत भारत, वंदे भारत और नमो भारत की त्रिमूर्ति इस दशक के अंत तक आधुनिक रेलवे का प्रतीक बन जाएगी।"
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की सोच को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सराय काले खां, आनंद विहार, गाजियाबाद और मेरठ बस स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों को नमो भारत प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, आगरा और कानपुर जैसे शहर भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं। कर्नाटक में भी बेंगलुरु और मैसुरु में मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2040 तक का रोडमैप तैयार किया है, जिसमें मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्राओं के लिए गगनयान और भारत का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने शहरी प्रदूषण को कम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे देश में इलेक्ट्रिक बसों का नेटवर्क बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को 10,000 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार दिल्ली में 600 करोड़ रुपये की लागत से 1300 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी कर रही है। इनमें से 850 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में चलनी शुरू भी हो चुकी हैं। इसी तरह बेंगलुरु में भी 1200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए भारत सरकार 500 करोड़ रुपये की मदद दे रही है। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार हर शहर में आधुनिक और हरित सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, चाहे वह दिल्ली हो, यूपी हो या कर्नाटक हो।"
मेरठ-गाजियाबाद क्षेत्र के किसानों के बारे में उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के केवल 10 महीनों में इथेनॉल के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।
MadhyaBharat
20 October 2023
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